Women's Day Special: राजस्थान में राजसमंद जिले के देवगढ़ की रहने वाली भावना पालीवाल ने पीरियड पाठशाला, स्त्री स्वाभिमान, रेड डॉट, चुप्पी तोड़ो, मेरी लाडो, हैप्पी टू ब्लीड, अब पता चलने दो सहित कई अभियान चलाकर उन्हें शिक्षित और जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.
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Rajsamand News: पीरियड्स को लेकर हमारे समाज में कई तरह के धार्मिक आडंबर हैं. पीरियड्स के कारण अक्सर लड़कियों को स्कूल तक छोड़ देना पड़ता है और गंदे कपड़े के कारण कई महिलाए कोख खो देती हैं. मासिक धर्म के प्रति फैले आडंबरों को दूर करने के लिए 15 वर्षों से राजसमन्द जिले के देवगढ़ की रहने वाली भावना पालीवाल ने पीरियड पाठशाला, स्त्री स्वाभिमान, रेड डॉट, चुप्पी तोड़ो, मेरी लाडो, हैप्पी टू ब्लीड, अब पता चलने दो सहित कई अभियान चलाकर उन्हें शिक्षित और जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.
बचपन में स्कूल समय में पहली बार पीरियड्स आए क्लासरूम में तो शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. यही नहीं हर जगह एक रूल बना दिया गया. जैसे मुझे कोई श्राप सा लगा. डर सी गई थी लेकिन मन में एक सोच थी इस बदलने की. जब बड़ी हुई तो देखा कि यह सिर्फ मेरी कहानी नहीं थी बल्कि हजारों लड़कियों की है. बस उसी दिन निश्चय कर लिया बदलाव लाकर रहूंगी.
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भावना का कहना है कि शुरुआत में इस विषय को लेकर कई जिल्लत और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा लेकिन भावना ने हिम्मत नहीं हारी. पालीवाल द्वारा आज एक लाख से अधिक महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी पेड वितरण कर 500 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिससे यह बदलाव आया.
जो महिलाएं माहवारी के समय कपड़ा छिपाकर रखती थीं, वो अब सेनेटरी पैड का उपयोग भी कर रही और निस्तारण भी. आज पालीवाल द्वारा एक महिला संगठन भी बनाया है- महिलाओं की वित्तीय साक्षरता, कौशल प्रशिक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ, और जरुरतमंदो की मदद करने का कार्य भी कर रहा है.
खुलकर रखती अपनी बात
भावना आज असल जिंदगी की वो ''पैडवुमेन'' बन चुकी हैं, जो खुलकर इस विषय पर अपनी बात रखती हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए पालीवाल राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं और कई केंद्रीय मंत्रियो ने ट्वीट कर पूरे देश को उनके अभियानों के बारे में बताया है.