लड़कियों के सेनेटरी नैपकिन और मिड डे मील का गबन कर गए मास्टर! HC ने लगाई लताड़
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लड़कियों के सेनेटरी नैपकिन और मिड डे मील का गबन कर गए मास्टर! HC ने लगाई लताड़

पोषाहार, सेनेटरी नैपकिन और मिल्क पाउडर गबन के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कल पोषण गबन के मामले में गिरफ्तार आठ सरकारी अध्यापकों की जमानत हाई कोर्ट से खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने यहां अपनी सख्त टिप्पणी भी दी है.

लड़कियों के सेनेटरी नैपकिन और मिड डे मील का गबन कर गए मास्टर! HC ने लगाई लताड़

Pratapgarh News : पोषाहार, सेनेटरी नैपकिन और मिल्क पाउडर गबन के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कल पोषण गबन के मामले में गिरफ्तार आठ सरकारी अध्यापकों की जमानत हाई कोर्ट से खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने यहां अपनी सख्त टिप्पणी भी दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि यहां यह ध्यान देने योग्य है कि याचिकाकर्ता सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्हें जनजातीय उपयोजना (टीएसपी) क्षेत्रों के छात्रों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं को लोकप्रिय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. याचिकाकर्ता न केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए उन्हें सौंपे गए उत्तरदायित्व को निभाने में विफल रहे हैं बल्कि वास्तव में इन योजनाओं द्वारा प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्य को भी कम करके आंका है.

याचिकाकर्ता ने अपने कृत्यों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जनता को धोखा दिया है जिससे सरकारी खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है. समग्र तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान जमानत आवेदनों को खारिज किया जाता है. हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जांच के जरिए उनके खिलाफ चालान दाखिल करने के बाद नए सिरे से जमानत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता भी दी है. कार्ट ने यह स्पष्ट किया है कि न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है और इसमें कोई भी टिप्पणी, अपने आप में, पक्षकारों के हितों के प्रतिकूल नहीं होगी और न ही विचारण न्यायालय के अंतिम फैसले पर कोई प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि पूर्व में सेशन कोर्ट से भी आरोपी सरकारी अध्यापकों की जमानत खारिज हो गई थी.

विद्वान लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत, यह न्यायालय प्रथम दृष्टया पाता है कि याचिकाकर्ता जो सरकारी कर्मचारी हैं, आदिवासी उप योजना (टीएसपी) क्षेत्रों के आर्थिक रूप से वंचित और ग्रामीण छात्रों के बीच वितरण के लिए उनके द्वारा प्राप्त विभिन्न वस्तुओं की चोरी करने के दोषी हैं. सरकार द्वारा इस तरह की कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने का उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े या समाज के कमजोर वर्गों या कम आय वाले परिवारों के छात्रों को शामिल होने और नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे शिक्षित हो सकें और उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना सकें. बावजूद इसके कि वे समाज के सबसे निचले पायदान के सदस्य हैं.

अब तक 24 लोगों को हो चुंकि है जेल जिसमें 9 सरकारी अध्यापक

पोषण गबन के मामले में पुलिस अभी तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है, जिनमें 9 सरकारी शिक्षक भी शामिल है. एसपी अमित कुमार ने बताया कि  बीती 1 मई को प्रतापगढ़ में पुलिस ने एक साथ 10 स्थानों पर छापेमारी करते हुए मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं उड़ान योजना के तहत सरकारी विद्यालयों व आंगनवाड़ी केंद्रों पर सप्लाई किए जाने वाले सवा लाख सेनेटरी नैपकिन, कई क्विंटल पोषाहार और मिल्क पाउडर बरामद किया था. प्रतापगढ़ के कोतवाली और धमोतर थाने में इसको लेकर 5 प्रकरण दर्ज किए गए थे.

पोषण घोटाला मामले में धरियावद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का भी नाम

पोषण घोटाले मामले में धरियावद के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राम मोहन मीणा को भी निलंबित किया गया है. 24 लोगों के जेल में जाने के बाद जांच में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी धरियावद का नाम सामने आया था. जिसके बाद एसपी अमित कुमार की रिपोर्ट के बाद जिला कलेक्टर वह जिला शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ विभाग को पत्र भी लिखा. इसके बाद विभाग ने मीणा को निलंबित किया था. गौरतलब है कि पूर्व में भी अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को बाल विकास परियोजना अधिकारी का अतिरिक्त पदभार विगत डेढ़ वर्ष पूर्व दिया गया था . जिसके चलते विभाग के अधीनस्थ महिला सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा अधिकारी के ऊपर छेड़छाड़ सहित अन्य कई आरोप लगाए गए थे तथा विभिन्न प्रकार के ज्ञापन भी दिए गए थे.

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