Pratapgrah News: व्यापारी- कलेक्टर के पीए के बीच झगड़े का वीडियो वायरल, हाथापाई तक पहुंच बात
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Pratapgrah News: व्यापारी- कलेक्टर के पीए के बीच झगड़े का वीडियो वायरल, हाथापाई तक पहुंच बात

Pratapgrah News: प्रतापगढ़ कलेक्टर के पीए गजेंद्र डागरिया और एसी व्यापारी अल्पेश डोसी के बीच झगड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.पूरा मामला शहर की एक दुकान के सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया. 

Pratapgrah News: व्यापारी- कलेक्टर के पीए के बीच झगड़े का वीडियो वायरल, हाथापाई तक पहुंच बात

Pratapgrah News: प्रतापगढ़ कलेक्टर के पीए गजेंद्र डागरिया और एसी व्यापारी अल्पेश डोसी के बीच झगड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.पूरा मामला शहर की एक दुकान के सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया. व्यापारी ने दो साल पहले कलेक्ट्री में दो एसी लगवाए थे. बातचीत के दौरान रुपए को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया. गौरतलब है कि कलेक्ट्री में यह एसी बिना स्वीकृति के लगवाए गए थे.

अल्पेश ने बताया कि दो साल पहले उसने गजेंद्र डागरिया के कहने पर कलेक्ट्री में सवा लाख रुपए में दो एसी लगवाए गए थे. इसके लिए 10 से 15 दिन में भुगतान करने का वादा किया गया था. दो साल बीतने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया. अल्पेश कलेक्ट्री के कई बार चक्कर लगा चुका था, लेकिन उसे भुगतान नहीं किया जा रहा था. हर बार जल्द भुगतान करने का आश्वासन दिया जा रहा था.

दोनों शहर की एक दुकान में मिले. इस दौरान अल्पेश ने कलेक्टर के पीए गजेंद्र डागरिया को राशि का भुगतान करने के लिए कहा. बातचीत तकरार में बदल गई और हाथापाई तक पहुंच गई. अल्पेश का कहना है कि उन्होंने पैसे मांगे तो उन्हें पीए से बदतमीजी का सामना करना पड़ा. दूसरी ओर कलेक्टर के पीए का कहना है कि भुगतान के लिए लिख रखा है, लेकिन स्वीकृति में देरी के कारण भुगतान में देरी हो रही है. पैसा आते ही भुगतान कर दिया जाएगा.

यह मामला शहर में एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है, जहां लोग व्यापारी और प्रशासन के बीच के संबंधों पर सवाल उठा रहे हैं. व्यापारी ने बताया कि दो साल पहले कलेक्टर के पीए ने बिना प्रशासनिक स्वीकृति के अनऑफिसलि ऐसी को लगवाया था. करीब एक साल के बाद पीए ने इसका बिल बनवाया, लेकिन अभी तक भी दो ऐसी के पैसों का भुगतान नहीं करवाया है. कलेक्टर के पीए गजेंद्र डागरिया के कहने पर एसी लगवाए थे.

एसी लगवाने से पहले टेंडर या प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई. कलेक्ट्री में हुई इस धांधली से दो साल से व्यापारी का पैसा अटका हुआ है. यहां तक कि मामला सड़क पर झगड़े तक पहुंच गया है. पीए गजेंद्र डागरिया से जब इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जल्दी में एसी लगवाने थे तो लगवाए थे. अब अनुमोदन के लिए रेवन्यू ऑफिस में फाइल भेज रखी है.

जानकारी के अनुसार किसी भी सरकारी विभाग में दस हजार या इससे कम तक की कोई आवश्यक सामग्री सीधे खरीद सकते है. इसके अलावा दस हजार से ऊपर एक लाख रुपए तक की खरीदी के लिए या तो टेंडर या फिर कोटेशन के आधार पर खरीदी की जा सकती है. कोटेशन में तीन अलग अलग फर्मों से कोटेशन लेने के बाद सबसे कम दामों में सामग्री देने वालों से समान खरीदा जा सकता हैं. 

एक लाख से ऊपर की खरीदी के लिए टेंडर प्रक्रिया करना अनिवार्य है. एक लाख से कम के सामग्री का कोटेशन पर खरीदी करने के बाद बिल का भुगतान का अनुमोदन कर के भुगतान किया जा सकता है. भुगतान में हद से हद छह माह में भुगतान भी यदि नियम से प्रक्रिया की जाए तो हो जाता है.

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