पूरे देश में नवरात्रि का खुमार छाया हुआ है. जिले के छोटीसादड़ी उपखंड क्षेत्र की साटोला ग्राम पंचायत में भी इस अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी स्कूल परिसर में भव्य गवरी नृत्य का आयोजन किया गया. जिसमें मंगलवाड़ के कलाकारों ने भाग लिया.
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Paratapgarh: पूरे देश में नवरात्रि का खुमार छाया हुआ है. जिले के छोटीसादड़ी उपखंड क्षेत्र की साटोला ग्राम पंचायत में भी इस अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी स्कूल परिसर में भव्य गवरी नृत्य का आयोजन किया गया. जिसमें मंगलवाड़ के कलाकारों ने भाग लिया.
इस बारे में साटोला ग्रामीण राम रतन रेगर ने बताया कि प्रति वर्ष की तरह इस साल भी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर गवरी नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुषों व बच्चों ने नृत्य का आंनद लिया. इस नृत्य की प्रस्तुति देते समय कालाकारों ने विभिन्न प्रकार के लघु नाटिकाओं का प्रदर्शन किया गया जिसमें खेतुड़ी के जरिए कान बिनाना, कालू कीर ,हटिया अंबा का खेल कालबेलिया नृत्य, वरजू काजंरी का खेल राजा का शीष लेना खेल विभिन्न प्रकार की कॉमेडी तथा गवरी के अंत में बंजारा बंजारी का खेल रानी पुलिस का खेल ,चोर चौथ माता का खेल आदि का भव्य आयोजन किया गया.
कैसे होता है नृत्य
नृत्य कलाकारों के ऊकांरलाल माली ने बताया कि दो दर्जन अधिक कलाकारों ने गवरी नृत्य में अपना प्रदर्शन किया. इसमें मुख्य पात्र भोपा और रायबुडिया होते हैं जो भेरुजी का मुखौटा माताजी की तलवार पीर का वस्त्र अन्य सहित लेकर कार्य को करते हैं जो पात्र राईया होती है जो और थाली मादल के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाता है.लोक नृत्य गवरी में बीच-बीच में गांव के भोपे भी भाव निकालते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं.
गौरतलब है कि गवरी नृत्य दिन में खेला जाने वाला मेवाड़ का प्रमुख लोक नृत्य है. इसमें सभी पुरुष ही पात्र के रूप में भाग लेते हैं. यह मेवाड़ का प्रमुख लोक नाट्य जिसे भील समाज के जरिए दिन में खेला जाता है जो लगभग रक्षाबंधन के अगले दिन से शुरू होकर सवा महीने तक चलता है. जिसे ज्यादातर दिन में किया जाता है . गवरी नृत्य को मेवाड़ में राई लोकनाट्य के नाम से भी जाना जाता है. यह नृत्य शिव पार्वती और भस्मासुर की कहानी पर आधारित होता है. पार्वती को गवरा के नाम से जाना जाता है. गवरा से गवरी के नाम से जाना गया है .
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वहीं इस सटोला में आयोजित गवरी नृत्य देखने के लिए साटोला सहित आसपास के ग्रामवासी की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है जिसमें रावतपुरा, मालीखेड़ा ,फतेह सिंह का खेड़ा मानपुरा जागीर ,देवरी, एकलिंगपुरा , नेगडिया, करणपुर उदपुरा आदि गांव के सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम भाग लिया. साटोला में इस वर्ष पांचवी बार गवरी नृत्य का आयोजन किया गया.
Reporter: Vivek Upadhyay