Parbatsar: बडू के कुचेरियां कॉम्पलेक्स का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सरपंच और विकास अधिकारी तलब
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Parbatsar: बडू के कुचेरियां कॉम्पलेक्स का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सरपंच और विकास अधिकारी तलब

बडू कस्बे के सदर बाजार से लगते नवनिर्मित केसी कॉम्पलेक्स मामले ने तूल पकड़ लिया है. कॉम्पलेक्स का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. 

Parbatsar: बडू के कुचेरियां कॉम्पलेक्स का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सरपंच और विकास अधिकारी तलब

Parbatsar: बडू कस्बे के सदर बाजार से लगते नवनिर्मित केसी कॉम्पलेक्स मामले ने तूल पकड़ लिया है. कॉम्पलेक्स का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. हाईकोर्ट  ने सरपंच, विकास अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी को तलब किया है. बडू ग्राम पंचायत के सरपंच सुरेश माली ने विगत दिनों सदर बाजार में स्थित कुचेरिया कॉम्पलेक्स के मालिक व्यापार मंडल संरक्षक किस्तूरचंद कुचेरिया से आवासीय भूमि पर पहला नोटिस भेजकर अतिक्रमण कर निर्माण किए जाने की बात कही थी और कागजात प्रस्तुत करने को कहा था. जिस पर कुचेरया ने नोटिस का जबाब अपने वकील के मार्फत ग्राम पंचायत को भिजवाया और बताया कि हमारे पास भुखंड का पट्टा है, जिसकी प्रतिलिपी भेजी गई और कहा गया कि हमने हमारी जमीन पर ही निर्माण करवाया है. अन्य कोई अतिक्रमण नहीं किया है.

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ग्राम पंचायत ने इसके एवज में दूसरा नोटिस 8 फरवरी को कॉम्पलेक्स पर चस्पा किया और कहा गया कि आवासीय भुखंड पर व्यवसायिक गतिविधियां बिना व्यवसायिक संपरिवर्तन के संचालित करने को लेकर दिया गया, जिस पर कुचेरिया ने जरिये वकील के 11 फरवरी को रजिस्टर्ड डाक से जबाब भेजकर लिखा कि कॉम्पलेक्स जिस समय बनाया गया उस समय ग्राम पंचायत स्तर पर आवासीय भुमि पर व्यवसायिक गतिविधियों मे संपरिवर्तन करने के कोई नियम नहीं थे, लेकिन सरपंच ने डाक लेने से इंकार कर दिया और इसी डाक को पंचायत समिति परबतसर में विकास अधिकारी को भेजी गई जो एक्सेप्ट हुई.

ग्राम पंचायत ने तीसरे और अंतिम नोटिस को चस्पा कर एक बार फिर पूर्व नोटिस को जबाब नहीं देना बताया और तीन दिन का समय दस्तावेज पेश नहीं करने की दशा में काम्पलेक्स तोड़ने की बात लिखी गई. किस्तूरचंद कुचेरिया ने बताया कि नोटिस का जबाब लेकर मेरा भतीजा धर्मेन्द्र और मुनीम धनराज जैन सरपंच के ग्राम पंचायत गए, लेकिन सरपंच ने दोनों को डाट डपट कर भिजवा दिया और जबाब भी नहीं लिया और विरोध बरकरार रहा.

सरपंच को जवाब देने के बावजूद भी लेने से इनकार करने पर पीड़ित ने माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में अपना पक्ष रखते हुए आवासीय भूमि पर व्यवसायिक गतिविधियां संचारित करने पर जो नोटिस चस्पा कर ग्राम पंचायत ने उक्त भवन को तोड़ने का अंतिम नोटिस दिया गया जो ग्राम पंचायत के क्षेत्राधिकार में नहीं है और वर्णित पट्टे अनुसार पीड़ित ने निर्माण कर 18 दुकानों में से 4 दुकाने को व्यवसाय प्रयोजन के रजिस्ट्री कराकर बेचैन कर दिया गया है. ग्राम पंचायत द्वारा जारी भवन तोड़ने के अंतिम नोटिस का क्षेत्र अधिकार नई है, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने ग्राम पंचायत द्वारा जारी कांपलेक्स तोड़ने के अंतिम नोटिस को स्टे करते हुए कॉम्पलेक्स को यथास्थिति में रखने का आदेश जारी किया गया है.

Report: Damodar Inaniya

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