Nagaur: अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने 6 फरवरी को नागौर में विरोध प्रदर्शन, राघवेन्द्र मिर्धा ने उठाए सवाल
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Nagaur: अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने 6 फरवरी को नागौर में विरोध प्रदर्शन, राघवेन्द्र मिर्धा ने उठाए सवाल

अडानी घोटाले को लेकर हिण्डनबर्ग रिपोर्ट से हुए खुलासे पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या जे पी सी की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर आज नागौर में कांग्रेसजनों ने केंद्र सरकार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया.

Nagaur: अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने 6 फरवरी को नागौर में विरोध प्रदर्शन, राघवेन्द्र मिर्धा ने उठाए सवाल

Nagaur News: अडानी घोटाले को लेकर हिण्डनबर्ग रिपोर्ट से हुए खुलासे पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या जे पी सी की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर आज नागौर में कांग्रेसजनों ने केंद्र सरकार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार नागौर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस कार्यालय से रैली के रूप में सभी कांग्रेसी बीकानेर रोड़ स्थित एल आई सी कार्यालय पहुंचे, जहां अडानी घोटाले के विरोध में जोरदार नारेबाजी कर केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया.

केंद्र सरकार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन

यहां पर केंद्र सरकार की मित्र नीति से हुए अडानी घोटाले की जेपीसी जांच कराने की मांग, मोदी सरकार के तानाशाही रवये सहित केंद्र सरकार के विरोध में लिखी गई तख्तियां हाथों में लेकर कांग्रेसजनो ने मोदी सरकार के विरोध में नारेबाजी की.

वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने बताया कि मोदी सरकार की अपने करीबी दोस्तों और चुनिन्दा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति से पूरा देश, विशेष कर मध्यमवर्ग चिंतित है. मोदी सरकार ने अडानी समूह में एल आई सी और एस बी आई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेन-देन ओर निवेश ने भारत के निवेशकों- एल आई सी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों ओर एस बी आई के 45 करोड़ खाता धारकों पर प्रभाव डाला है. हम जानते है कि एल आई सी ओर इस बी आई जैसा पी एस यू हमारे देश का गौरव है और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने है. अपने सबसे करीबी दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एल आई सी, एस बी आई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया.

कांग्रेस पार्टी की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या जे पी सी के तहत एक निष्पक्ष जांच हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में विस्तार से जांच की जाए. एल आई सी, एस बी आई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के जबरदस्त निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए ओर निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.

इस दौरान जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गेसावत सहित हनुमान बांगड़ा आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे. इस दौरान जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत ने कहा कि रानी ने जो एलआईसी और एसबीआई जैसी संस्थाओं के साथ बड़ा घोटाला किया है. जिसका खुलासा अमेरिका की खुफिया एजेंसी हिडनबर्ग ने एक रिपोर्ट में किया है, इसको लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि अपने मित्र अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी ने देश की करोड़ों जनता और एसबीआई तथा एलआईसी के निवेशकों को जोखिम में डाला है. इस पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या देश की बड़ी जांच एजेंसी से पूरे मामले की जांच क्यों नहीं करवाई जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में पूरा विपक्ष एकजुट होकर इस पर चर्चा की मांग कर रहा है तो प्रधानमंत्री मोदी क्यों कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

पीसीसी सदस्य राघवेन्द्र मिर्धा ने उठाए सवाल

हिंडनबर्ग ने जो अदाणी पर आरोप लगाए हैं इन आरोपो ने हमारी अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता पर लगभग सवाल उठ खड़े हुए हैं ऐसा पीसीसी सदस्य राघवेन्द्र मिर्धा का कहना है. मिर्धा ने बताया कि भारत के वित्तीय संस्थानों और एस ई बी आई - आरबीआई जैसे नियामको के कामकाज को कटघरे मे खड़ा कर दिया है और फिर भी सरकार चुप है. वहीं मिर्धा ने बताया कि यह उस बात की भी पुष्टि करता है जो राहुल गांधी लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि यह सरकार क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने वाली सरकार है. वहीं पीसीसी सदस्य राघवेन्द्र मिर्धा ने ने बताया कि अदाणी ग्रुप में उन लोगों के भी पैसे लग हुए हैं जो शेयर मार्केट से कोसों दूर रहते हैं और सेफ इन्वेस्टमेंट करते है.

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ऐसे करोड़ों लोग जो अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए सरकारी बैंकों और एल आई सी पर भरोसा करते हैं. अब उनके साथ छलावा हुआ है. लेकिन कांग्रेस सरकार ऐसा कताई होने नहीं देगी .इसलिए कांग्रेस आज सभी जिलों में एल आई सी व एसबीआई के जिला स्तरीय कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर रही है. वहीं पीसीसी सदस्य राघवेन्द्र मिर्धा ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के तहत हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से निष्पक्ष जांच की जाए. और एल आई सी, एस बी आई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के जबरदस्त निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.

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