चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे कुचामन सिटी के तीन वैज्ञानिक भी, लोगों ने लगाए वंदे मातरम के नारे
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चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे कुचामन सिटी के तीन वैज्ञानिक भी, लोगों ने लगाए वंदे मातरम के नारे

Chandrayaan-3 scientists from Rajasthan : चंद्रयान 3 की कामयाबी में कुचामन की भी है भूमिका, कुचामन क्षेत्र के 3 युवा वैज्ञानिक है चन्द्रयान 3 की टीम का हिस्सा

चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे कुचामन सिटी के तीन वैज्ञानिक भी, लोगों ने लगाए वंदे मातरम के नारे

Chandrayaan-3 scientists from Rajasthan : चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद पूरा देश जश्न मना रहा है. इस कामयाबी के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को इस मौके पर श्रेय भी दिया जा रहा है. इसी सिलसिले में डीडवाना कुचामन जिले के कुचामन क्षेत्र में भी जश्न का दौर लगातार जारी है क्योंकि चंद्रयान-3 से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम में कुचामन क्षेत्र के भी तीन युवा वैज्ञानिक शामिल रहे हैं. तीनो वैज्ञानिकों विकास चारण, रवि पारीक और सुनीता खोखर के परिजनों का कुचामन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा के किसान मोर्चा के बीकानेर संभाग प्रभारी ज्ञानाराम रणवां की और से स्वागत और अभिनंदन किया गया.

इस बारे में जानकारी देते हुए ज्ञानाराम रणवां ने बताया कि कुचामन के विकास चारण इलेक्ट्रॉनिक्स दल में शामिल रहे और उन्होंने चंद्रयान 3 के ऑर्बिट से सफलतापूर्वक सेपरेशन होने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई . वैज्ञानिक रवि पारीक चंद्रयान 3 के मेकेनिकल दल में शामिल रहे. चंद्रयान 3 से जुड़े कुचामन की तीसरी प्रतिभा डाकीपुरा की सुनीता खोखर है जिन्होंने स्कूली शिक्षा कुचामन में ली और बाद में इसरो से जुड़कर चंद्रयान 3 की टीम का हिस्सा बनी. सुनीता खोखर चंद्रयान 3 के सेंसर बनाने वाली टीम में शामिल रही है.

कार्यक्रम से पहले कुचामन क्षेत्र में चंद्रयान 3 तिरंगा यात्रा निकाली गई जो कि शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरी जिसमें शहर के लोगों के साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग भी शामिल हुए इस मौके पर कुचामन के पुराने बस स्टेशन पर जोरदार आतिशबाजी भी की गई . सभी ने इसरो की टीम का आभार जताया जिनकी वजह से आज देश को विश्व पटल पर संम्मान मिला है.

मां भारती के लाल को सलाम

वहीं राजस्थान हाई कोर्ट के एक वकील ईश्वर तिवाड़ी ने भी चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग को लेकर एक कविता लिखी है और उन्होंने चंद्रयान मिशन के योद्धाओं को कुछ इस अंदाज में सलाम किया है

माँ भारती के लाल सब्र करो और फक्र करो । 

तरकस में हो जिजीविषा तो तुनीर प्रंतच्या पर खुद चढ़ जावेगा ।। 
कर्मयोग के पथ पर चलकर एकलव्य सा प्रण आ जावेगा । 

न हार मानी थी अभिमन्यु ने मर कर भी रण को जीत लिया ।। 
मामा कृष्ण के गीता ज्ञान को अपने रक्त से सींच दिया ।। 

किताबों की पोथी में थोथे अकबर को बलवान दिखाया है ।
लेकिन महाराणा और चेतक ने हल्दीघाटी का असली पाठ पढ़ाया है ।। 

वीर शिवाजी, झाँसी की रानी याद करो गौरा, बादल की कुर्बानी । 
रक्त बहा कर लहू धरा पे ये आजादी पायी है, भगत , सुखदेव राजगुरु और सुभाष के संग अनंतकोटी बलिदानी हैं ।। 

नहीं थकेंगे नहीं रुकेंगे पहिये इस चंद्रयान तृतीय के।
आगाज हुआ है चंद्र मिशन से ब्रम्हांड में शंखनाद जारी है ।। 

इसरो की अट्टहास गर्जना से अम्बर भी थर्राया है। 
23 अगस्त 2023,  गोधूलि बैला पर स्वर्णिम कीर्तिमान बनाया है । 

विश्वपटल पर हिन्द पताका को अम्बर तक लहराया है ।
मस्तक भाल पर एस.सोमनाथ ने शशि  को श्रृंगार बनाया है ।।

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