Sangod: जल संरक्षण और वर्षाजल संरक्षण पर हुई चर्चा, प्रशिक्षण में दी गई जानकारी
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Sangod: जल संरक्षण और वर्षाजल संरक्षण पर हुई चर्चा, प्रशिक्षण में दी गई जानकारी

 सहयोगी विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के परिणाम पर ही ग्राम पंचायतों को योजना के तहत सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि का आवंटन विकास कार्यों पर किया जाएगा.

Sangod: जल संरक्षण और वर्षाजल संरक्षण पर हुई चर्चा, प्रशिक्षण में दी गई जानकारी

Sangod: सांगोद में भूजल विभाग आईएमटीआई की ओर से सामुदायिक सहभागिता एवं नवाचार द्वारा भूजल के गिरते स्तर को रोकने को लेकर एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ. अटल भूजल योजना के तहत पंचायत समिति सभागार भवन में आयोजित प्रशिक्षण में ग्राम पंचायतों के सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी समेत अन्य कई विभागों के कार्मिक मौजूद रहे.

कार्यक्रम में भूजल वैज्ञानिक एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रवाह अथैया ने योजना के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना सरकार के सात सहयोगी विभागों की कार्ययोजनाओं को सम्मिलित करते हुए क्रियान्वित की जाएगी. सहयोगी विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के परिणाम पर ही ग्राम पंचायतों को योजना के तहत सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि का आवंटन विकास कार्यों पर किया जाएगा.

साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर भी योजना के तहत वर्षा मापक यंत्र, जल की गुणवत्ता जांचने के लिए केमिकट किट एवं जल स्तर नापने के लिए वाटर इंडीकेटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इस मौके पर कृषि विभाग के उपनिदेशक आरबी दाधीच, कृषि विशेषज्ञ दीनदयाल मीणा, ईसी विशेषज्ञ सुनीता चौहान मौजूद रहे.

सामंजस्य से करना होगा काम

खंड विकास अधिकारी जगदीश प्रसाद मीणा ने कहा कि जल संकट का सभी के प्रयासों से जल बचत एवं संग्रहण करके मुकाबला किया जा सकता है. परंपरागत स्त्रोतों को फिर से योजना के तहत विकसित करने के साथ सहयोगी विभागों द्वारा चलाई जा रही सिंचाई के लिए नवीनतम तकनीकों से फसल करने एवं प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाबों अन्य स्त्रोतों को विकसित करना होगा. सभी सहयोगी विभागों को सामंजस्य से काम करना होगा.

भविष्य में विकट होगी स्थिति

प्रधान जयवीर सिंह ने कहा कि आज की परिस्थिति में पानी की बचत हम सब की बड़ी जिम्मेदारी बन गई है. हम अब भी पानी बचाने को लेकर जागरूक नहीं हुए तो भविष्य में स्थित भयावह होगी. कृषि अधिकारी जयकुमार यादव ने पानी की मांग को कम करने के लिए खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी तथा इसके लिए विभाग द्वारा देय अनुदान योजनाओं से अवगत कराया. कार्यक्रम संचालन भूजल उपनिदेशक शैलेन्द्र धारगवे ने किया.

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