कार्यशाला में बीज,खाद वितरण और तारबंदी योजना में सुधार पर चर्चा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1266751

कार्यशाला में बीज,खाद वितरण और तारबंदी योजना में सुधार पर चर्चा

सपोटरा पंचायत समिति के सभागार में कृषि विभाग के तत्वावधान तथा उपप्रधान कमलेशी देवी मीणा की अध्यक्षता में कृषक संगोष्ठी एवं कृषि बजट आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें किसानों की लाभांवित योजनाओं की जानकारी दी गई.

 कार्यशाला में बीज,खाद वितरण और तारबंदी योजना में सुधार पर चर्चा

करौली: सपोटरा पंचायत समिति के सभागार में कृषि विभाग के तत्वावधान तथा उपप्रधान कमलेशी देवी मीणा की अध्यक्षता में कृषक संगोष्ठी एवं कृषि बजट आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें किसानों की लाभांवित योजनाओं की जानकारी दी गई. दूसरी ओर किसानों ने बीज,खाद वितरण,तारबंदी व फसल बीमा योजना में सुधार के मुद्दे उठाए गए.

कार्यशाला में कृषि अधिकारी अशोक कुमार,कृषि पर्यवेक्षक,अधिकारी एवं पंचायतों के कृषक मित्रों व काश्तकारों को फसल बीमा योजना,फार्म पाउंड,खेत तलाई कम खर्च,पशुओं को रोगों से छुटकारा,बीज उपचार,सिंचाई पाईप लाईन,फब्बारा के उपयोग,जिप्सम से उपज बढ़ाने व तारबंदी योजना की विस्तृत जानकारी दी गई. दूसरी ओर भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मोहरसिंह मीणा ने विभाग की 1.5 हैक्टयर्स भूमि की तारबंदी योजना को हटाकर प्रत्येक किसान को योजना का लाभ देने, रेवेन्यू ग्राम की समस्त कृषि भूमि पर तारबंदी का लाभ देने का सुझाव दिया गया.

उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को बागबानी,नींबू,अमरूद,आंवला आदि की खेती का लाभ के साथ सौर ऊर्जा प्लांट की जानकारी दी गई. उन्होने सौर ऊर्जा प्लांट पर किसानों को 60 प्रतिशत तथा एसटी वर्ग के किसानों को 45 हजार के अतिरिक्त अनुदान के बारे में अवगत कराया गया. पशु चिकित्सक द्वारा जानवरों को रोग से निजात दिलाने के लिए टीका लगाने के साथ टीकाकरण अभियान की जानकारी दी गई.

कार्यक्रम को कृषि अधिकारी करणसिंह,जगराम मीणा,बद्रीलाल व कॉपरेटिव बैंक के सुपरवाईजरों ने संबोधित किया.किसानों ने कार्यशाला में बताया कि वर्ष 2021 से काश्तकारों को समूचे प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला है. उन्होने बताया कि फसल बीमा में काश्तकारों से प्रति हैक्टयर्स बाजरा फसल में 827 रुपए,तिल में 634.90 रुपए,ग्वार में 1003 रुपए तथा धान में 680.42 रुपए की बीमा राशि काटी जा रही है. इसके उपरांत बीमा कंपनी द्वारा कड़ी शर्तों के कारण नुकसान फसल का बीमा नहीं देकर सीधे हजम कर रहे हैं.

इधर,काश्तकारों ने बताया कि चार वर्षों से ग्राम सेवा सहकारी समितियों में यूरिया खाद आदि नही आने के कारण बाजार से कालाबाजारी में खरीदना पड़ रहा है. उन्होने कृषि अधिकारियों को आड़े हाथ लेकर व्यवस्था में सुधार के साथ खाद,बीज विक्रेताओं के यहां बोर्ड पर रेट व स्टाॅक इंद्राज करने और अधिकारियों की एक दिन में दो बार मॉनिटरिंग करने का सुझाव दिया गया. जिससे खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लग सके. 

अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Reporter-Ashish Chaturvedi

Trending news