Surya Grahan 2024: साल के आखिरी सूर्यग्रहण पर होगी ये दुर्लभ घटना, जानें राजस्थान पर क्या पड़ेगा इसका असर
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Surya Grahan 2024: साल के आखिरी सूर्यग्रहण पर होगी ये दुर्लभ घटना, जानें राजस्थान पर क्या पड़ेगा इसका असर

Surya Grahan 2024: आज, 2 अक्टूबर 2024, बुधवार को साल 2024 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. भारतीय समय के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण रात 9:13 बजे शुरू होगा और इसका मध्य काल रात 12:15 बजे होगा. सूर्य ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की रात 3:17 बजे होगा.

Surya Grahan 2024: साल के आखिरी सूर्यग्रहण पर होगी ये दुर्लभ घटना,  जानें राजस्थान पर क्या पड़ेगा इसका असर

Surya Grahan 2024 Date time: आज, 2 अक्टूबर 2024, बुधवार को साल 2024 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. भारतीय समय के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण रात 9:13 बजे शुरू होगा और इसका मध्य काल रात 12:15 बजे होगा. सूर्य ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की रात 3:17 बजे होगा. हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल नहीं लगेगा. सूतक काल आमतौर पर सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण के समापन तक रहता है, लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल का पालन नहीं किया जाएगा.

साल का दूसरा सूर्यग्रहण 
2 अक्टूबर 2024 को दो महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं हो रही हैं - साल का अंतिम सूर्य ग्रहण और सर्व पितृ अमावस्या. आज अश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि है, जिसमें उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, ब्रह्म योग, चतुष्पाद करण, उत्तर दिशाशूल और कन्या राशि में चंद्रमा है.सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट से लगेगा और 6 घंटे 4 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल नहीं लगेगा और मांगलिक कार्यों पर कोई रोक नहीं होगी.

दिन में सर्व पितृ अमावस्या है, जिसमें पूर्णिमा तिथि वाले पितरों और जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती है, उनका तर्पण, श्राद्ध आदि किया जाता है. इस दिन पितर पितृ लोक वापस चले जाते हैं. पितरों को तृप्त करने और पितृ दोष की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि, त्रिपिंडी श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं. सर्व पितृ अमावस्या से पितृ पक्ष का समापन हो जाता है. आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.

सर्व पितृ अमावस्या के दिन बुधवार व्रत का महत्व 
सर्व पितृ अमावस्या के दिन बुधवार व्रत का महत्व बढ़ जाता है, खासकर जिनकी कुंडली में बुध का दोष है. ऐसे लोगों को बुधवार व्रत के साथ गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. गणपति महाराज को मूंग के लड्डू का भोग लगाना चाहिए और बुध के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे बुध मजबूत होगा और उसके शुभ प्रभाव जीवन में दिखाई देंगे. गणेश जी की पूजा में मोदक, सिंदूर, गेंदे का फूल, दूर्वा, केला आदि जरूर रखने चाहिए, लेकिन तुलसी के पत्ते वर्जित हैं. गणेश जी के आशीर्वाद से कार्य सफल होते हैं और जीवन में शुभता आती है. इसके अलावा, बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनने और कांसे के बर्तन, हरे रंग के कपड़े, हरे फल आदि का दान करन से भी बुध ग्रह मजबूत होता है.

सर्व पितृ अमावस्या के दिन बुधवार व्रत होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. जिनकी कुंडली में बुध का दोष है, उन्हें बुधवार व्रत के साथ गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.

पूजा विधि:
- गणपति महाराज को मूंग के लड्डू का भोग लगाएं.
- बुध के बीज मंत्र का जाप करें.
- गणेश जी की पूजा में मोदक, सिंदूर, गेंदे का फूल, दूर्वा, केला आदि रखें.
- पूजा में तुलसी के पत्ते वर्जित हैं.

उपाय:
- बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनें.
- कांसे के बर्तन, हरे रंग के कपड़े, हरे फल आदि का दान करें.
- बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए ये उपाय लाभदायक होंगे.

आज, 2 अक्टूबर के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं.
सूर्योदय: 6:04 AM
चंद्रोदय: 9:13 PM
दिशाशूल: उत्तर
राहुकाल: 10:30 AM से 12:00 PM

सूर्य ग्रहण 2024: क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए
सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ न करें और देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें.
सूतक काल लगने के बाद घर में भोजन न पकाएं, बल्कि सूतक काल से पहले घर में रखे खाने में तुलसी के पत्ते डाल दें.
ग्रहण की अवधि में भोजन ग्रहण न करें और क्रोध न करें.
ग्रहण के दौरान सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए.
सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए.
ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद तुलसी के पौधे को न छुएं और नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से बचें.

क्या करना चाहिए
ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो दस गुना फलदायी माना जाता है.
ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके गरीबों का दान देना चाहिए.
ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए.
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है.

 

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