भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्य करवाने के लिए करोड़ों का बजट दे रखा हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते मुख्यमंत्री के गृह नगर का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हो रखा है.
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Soorsagar: भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्य करवाने के लिए करोड़ों का बजट दे रखा हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते मुख्यमंत्री के गृह नगर का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हो रखा है. यह हम नहीं कह रहे हैं यह सब अधिकारियों की कारगुजारी के चलते करोड़ों का नुकसान होने के साथ-साथ जनता को भी कोई राहत नहीं मिल रही है और यह सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास का आरोप है.
दरअसल, नगर निगम दक्षिण द्वारा चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से चौपासनी हाउसिंग बोर्ड से जवाई नहर रोड पर एम्स अस्पताल से पहले तक नाले के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई थी लेकिन बिना किसी प्लानिंग के नाले निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया और अब सेना के अधिकारियों और पीएचईडी के अधिकारियों द्वारा काम को रुकवाया गया है.
चौपासनी हाउसिंग बोर्ड से जहां से नाले का कार्य शुरू किया गया था लेकिन उसी नाले के नीचे सेना की 600 एमएम की राइजिंग पाइप लाइन सहित तीन और पानी की पाइपलाइन गुजर रही है लेकिन निगम के एक्सियन की लापरवाही से बिना पानी की पाइप लाइनों को ट्रांसफर किए उस पर नाला बना दिया है और अब जलदाय विभाग और सेना की आपत्ति के बाद में नाले के निर्माण कार्य को रोक दिया गया है ऐसे में मानसून के सीजन में लोगों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
वहीं नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही यह भी रही कि जिस जगह यह नाला बनाया गया है उसके नीचे पहले से जवाई नहर गुजरती थी लेकिन उसे भी जमीदोज कर दिया गया है जिससे यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री के गृह नगर में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.
जलदाय विभाग के एसई जे सी व्यास का कहना है कि हाल ही में उन्हें जानकारी मिली है कि नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे नाले में तखत सागर से आने वाली पाइप लाइन और सेना को सप्लाई किए जाने वाले पाइपलाइनों के ऊपर ही गलत तरीके से नाला बना दिया गया है, जिससे भविष्य में काफी परेशानी हो सकती है, ऐसे में सेना और जलदाय विभाग की आपत्ति के बाद में कार्य को रोक दिया गया है.
हालांकि सेना और जलदाय विभाग द्वारा काम रोकने से पहले करोड़ों रुपयों का कार्य हो चुका है और कई जगह पर नाला खुला होने की वजह से आने वाले मानसून में खतरा बना हुआ है. सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास के विधानसभा क्षेत्र में बनने वाले नाले को लेकर विधायक व्यास ने भी कड़ा ऐतराज जताया है उन्होंने जिला कलेक्टर से मांग की है कि जोधपुर में चल रहे विकास कार्यों की वह ऑडिट करवाएं और उसकी गुणवत्ता की जांच करवाएं.
भले ही मुख्यमंत्री ने शहर के विकास के लिए करोड़ों रुपये का बजट दिया हो लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते हुए जनता के काम में लीपापोती कर रहे हैं. विधायक व्यास ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखेंगी कि जोधपुर शहर में चल रहे विकास कार्यों का जिला कलेक्टर लगातार निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दे.
जिससे शहर का सही तरीके से विकास हो सके और जनता को उसका पूरा लाभ मिल सके. वहीं इस पूरे मामले में निगम के अधिकारियों द्वारा इंजीनियरिंग की पोल खुल रही है जिनकी अदूरदर्शिता के कारण अब शहर के लोगों को मानसून में खुले नालों से सामना करना पड़ेगा वहीं जलभराव की स्थिति भी बनी रहेगी.
वहीं सूरसागर विधायक के जो आरोप हैं वह सही भी नजर आते है. पिछले दिनों खेजड़ली के अमृता देवी पार्क में करवाए गए विकास कार्यों की पोल खुली थी. पहली बारिश में अमृता देवी पार्क का पैनोरमा ढह गया, वहीं शहर के भीतर त्रिपोलिया बाजार में बनने वाली सड़क को लेकर क्षेत्र के व्यापारियों का लगातार आरोप है लेकिन प्रशासन उन व्यापारियों की सुनवाई नहीं कर रहा है, जिससे बरसात के सीजन में फिर उनकी दुकानों में पानी भरने से नुकसान होने की संभावना बनी हुई है.
शहर के विकास कार्यों का इसलिए विधायक व्यास का आरोप है कि अंधेर नगरी चौपट राजा भले ही मुख्यमंत्री ने शहर के विकास के लिए बजट आवंटित किया हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहर के विकास कार्य में गुणवत्ता की कमी नजर आ रही है. वहीं ऐसे में अब देखना है कि सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है क्योंकि सरकार की मंशा तो जनता को राहत देने की है लेकिन अधिकारियों की वजह से जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद हो रहा है.
Reporter: Arun Harsh
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