लोंगेवाला चौकी पर 1971 के युद्ध के बारे में बीएसएफ के रिकॉर्ड के अनुसार, यह केवल उनका साहस और करो या मरो का दृढ़ संकल्प था, जिससे उस दिन जीत हुई और लांस नायक भैरों सिंह चौकी पर अपने अन्य साथियों के लिए एक महान प्रेरणा बन गए.
बॉर्डर फिल्म में दिखाए इस यु्द्ध में जब पंजाब रेजिमेंट के 23 जवानों में से एक मारा गया, तो लांस नायक भैरों सिंह ने अपनी लाइट मशीन गन उठा ली. इसके बाद आगे बढ़ते हुए दुश्मन पर ताबड़तोड़ हमले किए और उनकी चौकियों को नष्ट कर उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया.
बॉर्डर' फिल्म में सुनील शेट्टी का किरदार भैरों सिंह पर ही आधारित था. वो भी BSF में ही थे. फ़िल्म के अंत की तरफ एक सीन है, जिसमें भैरों सिंह एक माइन ले कर टैंक की तरफ दौड़ता है और टैंक को ब्लास्ट कर देता है. लोगों ने भैरों सिंह के किरदार को इस सीन की वजह से बहुत याद भी किया. लेकिन, परिवार को उनके इस रोल पर कुछ आपत्तियां थी. फिल्म में दिखाया है कि युद्ध के समय तक सिंह की शादी हो चुकी थी. लेकिन असल में उन्होंने युद्ध के बाद शादी की थी.
भैरों सिंह राठौड़ को उनके पारक्रम के लिए 1972 में सेना से पदक मिला था. राठौड़ को कई अन्य सैन्य सम्मानों और असैन्य पुरस्कारों और नवाजा गया था.
बॉर्डर फिल्म में सुनील शेट्टी के जरिए भैरों सिंह राठौड़ के किरदार को लोगों ने काफी सराहा था. लेकिन जिस किरदार को सुनील शेट्टी ने निभाया उसके असली लोंगेवाला के हीरो भैरों सिंह राठौड़ की आखिरी ख्वाहिश सुनिल शेट्टी से मिलना थी . इसी अधूरी आस के साथ उन्होंने दुनियां से रूखसती ले ली.
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