phalodi News: इंसानियत जिंदा है औरों के लिए जीने वाले लोग भी दुनिया में हैं, जोधपुर जिले के देणोक गांव स्थित बरसिंगो के बास में एक ऐसा परिवार है जिसके ऊपर चारों तरफ से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. तिलोकाराम प्रजापत खुद मंदबुद्धि है उनका इलाज चल रहा है प्रति महीने की दवायें जोधपुर से लेनी पड़ रही है और उनका एक लड़का बिल्कुल गूंगा बहरा (मूक बघीर) है. घर में कमाने वाला कोई भी नहीं है. पत्नीऔर छोटे बच्चे उनकी सेवा में लगे रहते हैं. वह एक टूटे से झोपड़ा में रहते है. जिस पर त्रिपाल डली हुई हैं जिससे बारिश के समय पानी ना टपके. इस फिल्म को देक के शोर फिल्म की याद आती है.
पिता पुत्र की माली हालत को देखक 36 कोम को साथ लेकर चलने वाले संगठन श्री ओम बन्ना टाइगर फोर्स विकास कमेटी को इनकी परिस्थितियों की जानकारी मिली. जिसपर संगठन के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष माधु सिंह ऊदट तुरंत उनके यहां पहुंचे. उनके हालातों के बारेम में जानकारी ली. उनको प्रति महीने हॉस्पिटल के कार्यों में लगने वाली दवाई का खर्चा आजीवन उठाने की बात कही.
साथ ही परिवार को रहने के लिए आशियाना भी 1 महीने के अंदर अंदर बना कर देने का वादा किया है. इतना ही नहीं इस परिवार के बच्चे को जोधपुर में मंदबुद्धि संस्था में रखा जाएगा जिसकी संपूर्ण देखभाल की जाएगी.
ओम बन्ना टाइगर फोर्स विकास कमेटी के सभी कार्यकर्ता मिलकर उनको एक छोटा सा आशियाना घर बना कर देंगे और भी हमेशा हर प्रकार से मदद करेंगे इतना सुनने के बाद उस परिवार को पहली बार ऐसा लगा की इंसानियत भी हैं जिंदा ऐसे लोग ऐसे संगठन भी अभी तक हैं जो राजनीति व जातिवाद से दूर रहकर सिर्फ मानव सेवा के लिए आगे कदम बढ़ाते हैं. इस परिवार के लोगों ने माधुसिंह ऊदट का व ओम बन्ना टाइगर फोर्स परिवार का हृदय से आभार जताया.