भोपालगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन, लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग
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भोपालगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन, लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

लोकसंत सुजाननाथ महाराज मंदिर प्रांगण में स्थानीय सेवा समिति की ओर से पौधरोपण कार्यक्रम एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए 43 यूनिट रक्तदान किया. 

भोपालगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन, लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

Bhopalgarh: उपखंड क्षेत्र के कुड़ी गांव की पहाड़ी पर स्थित लोकसंत सुजाननाथ महाराज मंदिर प्रांगण में स्थानीय सेवा समिति की ओर से पौधरोपण कार्यक्रम एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए 43 यूनिट रक्तदान किया. ग्रामीणों और युवाओं ने मिलकर सघन पौधरोपण अभियान भी चलाया. 

युवा कार्यकर्ता महेंद्र सारण और ओमप्रकाश सारण ने बताया कि संत सुजाननाथ महाराज के भाकर पर प्रतिवर्ष चलाए जाने वाले पौधरोपण अभियान की वर्षगांठ पर मुख्य अतिथि भोपालगढ़ पंचायत समिति प्रधान शांति राजेश जाखड़ और कुड़ी सरपंच खेताराम सारण की मौजूदगी में सघन पौधरोपण अभियान चलाए जाने के साथ ही एक दिवसीय रक्तदान शिविर का भी आयोजन रखा गया. इसमें कुड़ी गांव के ग्रामीणों और युवाओं के साथ कई महिलाओं ने भी पूरे उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया और यहां 43 यूनिट रक्तदान किया. 

साथ हीं, पौधरोपण अभियान के तहत विविध प्रकार के दर्जनों पौधे भी लगाए गए. इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधान शांति राजेश जाखड़ ने कहा कि रक्तदान से बढ़कर कोई और पुण्यकर्म नहीं है और इसके माध्यम से हम किसी अनजान की जान बचाने का बेहद पुनित कार्य करते हैं.  इसके साथ ही अब जगह-जगह इस प्रकार के शिविर लगने से रक्तदान को लेकर ग्रामीण इलाकों में फैली भ्रांतियां भी दूर होने लगी हैं. 

उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से रक्तदाता को कोई कमजोरी नहीं आती है और इससे हमेशा व्यक्ति का जीवन स्वस्थ ही रहता है. इस दौरान प्रधान जाखड़ ने कुड़ी ग्राम पंचायत में 10 लाख रुपये के विकास कार्य करवाने की भी घोषणा की. कार्यक्रम को सरपंच खेताराम सारण ने भी संबोधित कर उपस्थित लोगों से अधिकाधिक रक्तदान करने का आह्वान किया. कार्यक्रम में समाजसेवी जीवणराम सारण, लालाराम भाटी, प्रकाश चोयल, कोजाराम सारण, किशोर जाखड़ और सुगनाराम जाट सहित कई ग्रामीण, युवा और महिलाएं भी मौजूद रही. 

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