Ashok gehlot scheme for Farmers : अशोक गहलोत सरकार चुनावों से पहले किसानों को साधने में जुटी है. छोटे किसानों की जमीन नीलामी से बचाने के लिए कानून बनाने की तैयारी हो रही है. इसाक प्रारूप तैयार हो रहा है.
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राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत ने पूरी ताकत झौंक दी है. सत्ता में वापसी के लिए किसानों से लेकर युवाओं को साधने की कोशिश हो रही है. उदयपुर से लेकर जोधपुर तक मुख्यमंत्री खुद दौरे कर रहे है. बजट रिप्लाई में एक लाख नौकरियों की घोषणा की. इधर बीजेपी किसानों के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रही है. राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था और कांग्रेस ने घोषणा पत्र में भी कर्जमाफी का जिक्र किया था. सतीश पूनिया ने बजट रिप्लाई में किसानों की नीलाम हो रही जमीनों का मुद्दा उठाया था. अब सरकार जमीन नीलामी को रोकने के लिए कानून लाने जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान सरकार चुनावों से पहले छोटे किसानों की जमीन नीलाम होने से रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर रही है. कानून का मसौदा तैयार हो रहा है. इसके अलावा किसान ऋण राहत आयोग का गठन भी किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के तमाम मंत्री लगातार ये बात कह रहे है कि उन्होंने सहकारी बैंकों का कर्ज माफ कर लिया है. लेकिन राष्ट्रीय बैंकों का कर्ज बिना केंद्र सरकार की मदद के नहीं हो सकता है.
राजस्थान सरकार ने इस साल के बजट में अगले वित्त वर्ष में किसानों को 22 हजार करोड़ रुपए का फसली ऋण ब्याज मुक्त वितरण करने का प्रावधान किया है. इसके अलावा किसानों के बीच एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए गैर कृषि क्षेत्र के कार्यों के लिए भी 3 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. कताई-बुनाई, हस्तशिल्प, रंगाई-छपाई, लघु उद्योग और दुकानदारों को इसका फायदा मिलेगा.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने अब तक 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ किया है. सहकारी बैंकों का कर्ज राज्य सरकार ने अपने स्तर पर माफ कर दिया. राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज माफ करने के लिए केंद्र सरकार की मदद जरुरी है. अशोक गहलोत सरकार में सहकारिता मंत्री आंजना ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जैसे उद्योगपतियों का वन टाइम सैटलमेंट किया जाता है वैसे ही किसानों का भी होना चाहिए.