Cervical cancer treatment : पिलानी कस्बे में स्थित सीएसआईआर सीरी के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने ने सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुंह के कैंसर) का पता लगाने के लिए एक ऐसी स्वदेशी तकनीक विकसित की है जो विदेशों से काफी किफायती होगी.
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Cervical cancer treatment : पिलानी कस्बे में स्थित सीएसआईआर सीरी के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने ने सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुंह के कैंसर) का पता लगाने के लिए एक ऐसी स्वदेशी तकनीक विकसित की है जो विदेशों से काफी किफायती होगी और ग्रामीण क्षेत्र में जहां बिजली की समस्या है वहां भी यह कारगर साबित हो सकेगी. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र की यह उपलब्धि हासिल करने वाले सीरी के वैज्ञानिक डॉ. सत्यम श्रीवास्तव एवं उनकी टीम है. इन्होंने सर्वाइकल कैंसर जांच में जरूरी आईओटी सक्षम स्मार्टफोन आधारित हैंडहेल्ड कोल्पोस्कोप विकसित किया है.
इससे महिला के गर्भाशय ग्रीवा की स्थिति का पता लगाने और इसमें विकसित हो रहे कैंसर का निदान किया जा सकेगा. सीरी के वैज्ञानिक डॉ. सत्यम श्रीवास्तव के नेतृत्व में संस्थान के शोधकर्ताओं की टीम ने मेक इन इंडिया मेडिकल मिशन परियोजना के तहत सर्विक्स कैंसर की स्थिति का पता लगाने एवं इसके निदान में एक स्वदेशी आईओटी सक्षम हैंडहेल्ड कोल्पोस्कोप तकनीक विकसित की गई है. यह तकनीक त्वरित डेटा विजुअलाइजेशन और विश्लेषण के लिए स्मार्टफोन आधारित ऐप से कनेक्ट रहेगी.
सर्वाइकल कैंसर का समय से पूर्व पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित यह तकनीक रोगी और डॉक्टर के बीच सीधे संपर्क के लिए क्लाउड कनेक्टिविटी भी देती है. ऑन-डिवाइस रिचार्जेबल बैटरी सपोर्ट होने से ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए जाने वाले शिविरों में जहां बिजली की उपलब्धता कम हो वहां यह तकनीक काफी कारगर सिद्ध होगी. परीक्षण के उद्देश्य के लिए इसे विभिन्न अस्पतालों में लगाया गया. जिसके परिणाम काफी उत्साहवर्धक रहे हैं. सीरी ने इस तकनीक की प्रौद्योगिकी नोएडा की एक कंपनी को हस्तांतरित की है. कंपनी के निदेशक राजीव शर्मा के अनुसार कंपनी अगले 3 से 6 महीनों में स्वदेशी कॉल्पोस्कोप देश के बाजार में उपलब्ध करा देगी. संस्थान निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया ने शोधकर्ता टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) तब होता है जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के अस्तर में असामान्य रूप से विकसित होती हैं जो निचले गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा होता है। कम उम्र में कई यौन संबंध होने या यौन सक्रिय होने से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के विकास की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आने पर जीवित रहने की संभावना ज़्यादा होती है। आपका डॉक्टर एक निवारक उपाय के रूप में पैप टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है।
क्या हैं लक्षण
सामान्य ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों में पैल्विक दर्द, योनि से बदबूदार निर्वहन, पीरियड से पहले और बाद में रक्तस्राव और यौन गतिविधि के दौरान असुविधा का अनुभव होता है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों के साथ संक्रमण हो सकता है, और उपलब्ध ग्रीवा कैंसर उपचार के विकल्प सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी हैं.
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले ह्यूमन पैपीलोमावायरस (HPV) की वजह से होते हैं. ये एक आम वायरस है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संभोग के दौरान जा सकता है.
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ह्यूमन पैपीलोमावायरस इतना आम है कि ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी में इससे जरूर संक्रमित होते हैं, हालांकि HPV से किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए आप इससे कब संक्रमित हो जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा. आमतौर पर महिलाओं में ये वायरस अपने आप चला भी जाता है, हालांकि, अगर नहीं गया तो ये समय के साथ सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे कारक है जिसकी वजह से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
Reporter-Sandeep Kedia