जालोर के आकोली और आस-पास के गांव बिबलसर देलदरी डुडसी आदि गांवों के किसानों ने बस स्टेशन पर शनिचर मंदिर में एकत्रित होकर बजरी माफिया के विरुद्ध धरना स्थल पहुंच कर अवैध बजरी खनन करने के विरोध में बाजार प्रतिष्ठान बंद रखकर नदी किनारे धरना प्रदर्शन शुरू किया.
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जालोर: जिले के आकोली और आस-पास के गांव बिबलसर देलदरी डुडसी आदि गांवों के किसानों ने बस स्टेशन पर शनिचर मंदिर में एकत्रित होकर बजरी माफिया के विरुद्ध धरना स्थल पहुंच कर ठेकेदार द्वारा अवैध बजरी खनन करने के विरोध में बाजार प्रतिष्ठान बंद रखकर नदी किनारे धरना प्रदर्शन शुरू किया. ग्रामीण छैलसिंह सोलंकी ने बताया कि हमारी नदी में विगत 20 वर्षों से खनन एक ही नदी में हो रहा है. बजरी का भारी मात्रा में स्टॉक आस-पास के खेतों करने से नदी में से बजरी समाप्त हो गई है, जिससे किसानों के कुएं रिचार्ज नहीं हो रहे हैं. जबकि लीज पूरे जालोर तहसील की है.
अब हमारी नदी से खनन बन्द किया जाऐ और स्टॉक सीज किया जाए. जितेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि अगर नदी बचेगी तो किसान बचेगा. नदी बचेगी तो पर्यावरण बचेगा. अतः नदी को आबाद रखना हम सब कि जिम्मेदारी है. हमारी मांग जायज है. प्रशासन को माननी पड़ेगी. इस लोकतंत्र में लाठी के बल पर किसी को दबाया नहीं जा सकता. किसानों ने एलान किया जब तक प्रशासन हमारी मांगे नहीं मानता तब तक धरना जारी रहेगा. बाद में धरना उग्र किया जाऐगा. फिर भी काम नहीं बना तो किसान आत्मा दाह करने पर मजबूर होगा. जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
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सैकड़ों की तादात में ग्रामीण एक बार लीज पर पहुंच गए और लीज बंद कराने लगे. जिससे लीज धारक और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई. बागरा पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत कराया. तहसीलदार और खनिज विभाग जालोर के अधिकारी मौके पर पहुंचे. ग्रमीणो से वार्ता की लेकिन संतुष्ट नहीं कर पाए. इस अवसर पर आहोर विधायक छगनसिंह राज पुरोहित छैलसिंह सोलंकी,जितेन्द्र कुमार जैन, हडमतसिंह, जोगसिंह, खेतसिंह, मंगलसिंह, भैरूसिंह, शैतानसिंह, चोपारामदेवासी, बगाराम देवासी, नेनाराम मोटाराम, घाची लाखसिंह सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे.
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Reporter- Dungar Singh