Jalore: EWS आरक्षण में सरलीकरण की मांग को लेकर युवाओं ने दिया धरना,सौंपा ज्ञापन
Advertisement

Jalore: EWS आरक्षण में सरलीकरण की मांग को लेकर युवाओं ने दिया धरना,सौंपा ज्ञापन

Jalore News: राजपूत समाज के प्रतिनिधियों द्वारा EWS आरक्षण में विद्यमान विसंगतियों के सम्बंध में कई वर्षो से प्रयास किए जा रहे है. किंतु अभी तक इन प्रयासों का सकारात्मक हल नहीं निकला है. इसलिए इस बार भाजपा के ही जिला कार्यालयों पर समाज द्वारा धरने दिए जा रहे है.

EWS आरक्षण में सरलीकरण की मांग

Jalore News: राजपूत समाज के प्रतिनिधियों द्वारा EWS आरक्षण में विद्यमान विसंगतियों के सम्बंध में कई वर्षो से प्रयास किए जा रहे है. किंतु अभी तक इन प्रयासों का सकारात्मक हल नहीं निकला है. इसलिए इस बार भाजपा के ही जिला कार्यालयों पर समाज द्वारा धरने दिए जा रहे है. इस कड़ी में सामतीपुरा रोड स्थित भाजपा कार्यालय पर आक्रोशित युवाओं ने धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष रविन्द्रसिंह बालावत, जिला मंत्री प्रकाश छाजेड़, सुरेश सोलंकी, डिंपलसिंह सहित भाजपा पदाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम पत्र भी दिया गया कि आप इस मांग को दिल्ली तक पहुंचाए. 

EWS के प्रमाणपत्रों के आंकड़े संलग्न किये
वीर बहादुर सिंह असाडा ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्गों को आरक्षण देने हेतु प्रधानमंत्री का आभार जताता है किंतु इसमें विद्यमान विसंगतियों के कारण आर्थिक पिछड़ों को इसका समुचित लाभ नही मिल पा रहा है. केंद्र में आर्थिक पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की पात्रता हेतु आय के साथ संपत्ति की शर्तों को भी शामिल किया गया है. गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यो ने राज्य की परिस्थितियों अनुसार संपत्ति की शर्तों को हटाकर मात्र आठ लाख वार्षिक आय को ही मापदंड माना है. 

अतः पूरे देश मे एक नियम की बजाय राज्यो द्वारा तय नियमो से बने प्रमाण पत्र को केंद्र में भी मान्यता दी जाए, जिससे प्रार्थी को अलग अलग प्रमाण न बनाने पड़े व शर्ते भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हो. इस मांग की पुष्टि के लिए पिछले वित्त वर्ष में केंद्र व राज्य में बने EWS के प्रमाणपत्रों के आंकड़े संलग्न किये गए.

 जिससे ज्ञात होता है कि राज्य व केंद्र में बने प्रमाणपत्रों का अनुपात 70:30 है. साथ ही केंद्र में अधिकतम आयु सीमा,न्यूनतम अहर्ताक,फीस आदि में अन्य वर्गों को मिले आरक्षण की तरह छूट दी जाए. साथ ही प्रमाणपत्र की वैधता एक वर्ष की अपेक्षा तीन वर्ष की जाए, कतिपय राज्य सरकारों ने ऐसा प्रावधान किया है,अतः केंद्र में भी ये लागू हो जिससे आर्थिक रूप से कमजोर को इस आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके. इसी के साथ ही इसमें आय की इकाई परिवार को माना गया है और परिवार में माता पिता,पति, पत्नी,अविवाहित भाई, बहन सबकी आय सम्मिलित है इससे प्रक्रियागत परेशानी होती है व आय की गणना की प्रक्रिया जटिल हो जाती है.

वर्ग के हितों का न्यायपूर्ण संरक्षण
 विवाहित महिला के लिए यह और अधिक कठीन हो जाता है क्योंकि उसके ससुराल व पीहर दोनों पक्षो की आय को मानने का प्रावधान है जिससे दोनों स्थानों के प्रशासनिक कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते है. अतः आय की गणना अन्य क्रिमीलेयर आरक्षण की तरह केवल माता पिता की आय से की जाए. साथ ही इस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, छात्रवृत्ति आदि की सुविधा की जाए व राष्ट्रीय आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया जाए, जिससे इस वर्ग के हितों का न्यायपूर्ण संरक्षण हो सके. 

स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि EWS आरक्षण में सरलीकरण नहीं किया गया तो लोकसभा चुनावो में भाजपा को वोट नहीं दिया जाएगा. आचार सहिंता लगने से पहले इसमें संपत्ति और अन्य शर्तो को हटाकर इस आरक्षण का सरलीकरण किया जाए. ये मुद्दा अब देशव्यापी हो गया है, जन जन की आवाज़ बन गया है ये विषय. धरना स्थल पर जालोर जिला सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष भवर सिंह थलुन्डा, स्वरुप सिंह बिशनगढ़, राजवीर सिंह नोसरा, अशोक टाइगर वराडा, तेजसिंह निम्बलाना, गणपत सिंह सराणा ने EWS पर अपने विचार प्रकट किए. 

यह रहे मौजूद 
इस मौके पर प्रेमसिंह मायलावास, नाथूसिंह तीखी, पन्नेसिंह पोषाणा, दिनेश कुमार भट्ट, ओमपाल सिंह मूडी, जगतावर सिंह चांदना, माधुसिंह देबावास, सवाई सिंह चोराऊ, भीमसिंह बावतरा, चक्रवर्ती सिंह देसू, समंदर सिंह कोराना, महिपाल सिंह साँगाणा, अभयसिंह, रूपेंद्र सिंह सामुजा और रामसिंह कुंडल और सैकड़ों युवा मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें:लोकसभा चुनाव को लेकर राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान,कहा-हमारे पास दुनिया के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Trending news