इंदर मेघवाल मामला: पहले भड़की भीड़ फिर झड़प, समझाइश के बाद बनी सहमती, हुआ अंतिम संस्कार
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इंदर मेघवाल मामला: पहले भड़की भीड़ फिर झड़प, समझाइश के बाद बनी सहमती, हुआ अंतिम संस्कार

जालोर के सुराणा गांव के निजी विद्यालय में दलित छात्र इंद्र कुमार के मौत के बाद रविवार को विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. रविवार को मृतक के घर पर दिनभर समुदाय के लोगों ने विभिन मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

इंदर मेघवाल मामला: पहले भड़की भीड़ फिर झड़प, समझाइश के बाद बनी सहमती, हुआ अंतिम संस्कार

Jalore: जालोर के सुराणा गांव के निजी विद्यालय में दलित छात्र इंद्र कुमार के मौत के बाद रविवार को विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. रविवार को मृतक के घर पर दिनभर समुदाय के लोगों ने विभिन मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. मामले को तूल पकड़ते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया. जिसमें कई लोग घायल भी हो गए. जिसमें मृतक के परिजन भी शामिल है. समुदाय के लोग आश्रितों को 50 लाख रुपये की सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी सहित सात अन्य मांगों पर अड़े हुए थे. जिसे देर शाम समुदाय के लोगो से प्रशासन ने वार्ता कर मामले से उचित कार्रवाई कर मांगे को पूरा करने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद जिला कलेक्टर निशान्त जैन और पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला के साथ परिजनों के वार्ता सफल हुई और अंतिम संस्कार किया गया.

दिनभर बदलता रहा घटनाक्रम
मामले को लेकर मृतक के घर पर सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया था. जिसके बाद लगातार दिनभर परिजनों और आसपास के ग्रामीणों के लोगों का आना जारी रहा. इस बीच लोगों ने मृतक के परिजनों को सहायता राशि सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. एक बार तो अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बन गई थी लेकिन फिर कुछ जिले के बाहरी लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर दी जिससे मामला गर्मा गया ओर प्रदर्शनकारियों ने नारे बाजी शुरू कर दी. लिहाजा ऐसे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से समझाइश की.

लाठीचार्ज से परिवार के सदस्य भी घायल
प्रतिनिधि मंडल और प्रशासन के साथ वार्ता के दौरान लोगों ने हंगामा किया. जिस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ दिया. जिसमें परिवार के सदस्य भी लाठीचार्ज में घायल हो गए. जिन्हें सायला के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

छावनी में बना रहा मृतक का घर
पुलिस ने प्रदर्शन को बढ़ते देख अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात कर दिया था. पुलिस ने घर को पूरी तरह घेर रखा रखा था. केवल अधिकारियों और परिवार के सदस्यों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई. अंतिम संस्कार तक घर पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा.

प्रशाशनिक जाब्ता रहा तैनात
मामले को गम्भीरता से लेते हुई प्रशासन ने सुबह से ही मृतक के घर पर डेरा डाल दिया था. अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ अनुकृति उज्जैनिया, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण सुनील के पंवार, उप अधीक्षक जोधपुर मांगीलाल राठौड़, सायला एसडीएम सूरजभान बिश्नोई, जालोर, भीनमाल, रानीवाड़ा सीओ आसपास के थानाधिकारियों सहित अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात रहा.

परिवार की ये रही मांगे
परिजनों ने सरकार से 50 लाख की आर्थिक सहयोग राशि, परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, विद्यालय की मान्यता निरिस्त, बॉडी लाते समय परिवारजनों के साथ हुए पुलिस की बदसलूकी करने पर पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करने, स्पेशल कोर्ट से तत्काल कार्रवाई, के साथ-साथ परिवारजनों और गवाहों को सुरक्षा देने की मांग की है.

Reporter- Dunger Singh

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