स्वास्थ्य अधिकारी ने सोनोग्राफी सेंटर का किया निरीक्षण, अस्पतालों को दिए ये निर्देश
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स्वास्थ्य अधिकारी ने सोनोग्राफी सेंटर का किया निरीक्षण, अस्पतालों को दिए ये निर्देश

उपखंड समुचित प्राधिकारी भीनमाल एवं उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भजनाराम विश्नोई ने भीनमाल में संचालित हो रहे सोनोग्राफी सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट(PCPNDT) की सख्त पालन करने के सेंटर के संचालक को निर्देश दिए.

स्वास्थ्य अधिकारी ने सोनोग्राफी सेंटर का किया निरीक्षण, अस्पतालों को दिए ये निर्देश

Jalore: उपखंड समुचित प्राधिकारी भीनमाल एवं उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भजनाराम विश्नोई ने भीनमाल में संचालित हो रहे सोनोग्राफी सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्य चिकित्सा धिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट(PCPNDT) की सख्त पालन करने के सेंटर के संचालक को निर्देश दिए.

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सीएमएचओं डॉ.जी.एस.देवल ने बताया की, प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 10 से 30 जून तक सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है.  इस अभियान के तहत उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भजनाराम विश्नोई ने भीनमाल में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राज हॉस्पिटल, आस्था हॉस्पिटल, त्रिवेणी हॉस्पिटल , भीनमाल हॉस्पिटल का गहनता से निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पांचों अस्पताल के रजिस्टर एवं फॉर्म एफ भी देखें. निरीक्षण के दौरान सेंटर के संचालक को पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के अधिनियम की सख्ती से पालना के लिए निर्देशित किया तथा साथ ही संचालकों को फॉर्म एफ भी निर्धारित समयावधि में भरने के भी निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के निर्देश पर प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 10 से 30 जून तक सोनोग्राफी केंद्रो का सघन निरीक्षण अभियान आयोजित हो रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा सभी जिला समुचित प्राधिकारी एवं उपखंड समुचित प्राधिकारियों को इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए निरीक्षण कार्य को निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम के लिए डिकॉय ऑपरेशन कर इस कार्य में लिप्त लोगों पर कार्यवाही करने की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया जाएगा.  उन्होंने भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम के लिए डिकॉय ऑपरेशन कर इस कार्य में लिप्त लोगों पर कार्यवाही करने की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया. निरीक्षण के दौरान राजेंद्र सिंह बीएनओ, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक शंकर सुथार साथ रहे.

क्या है PCPNDT Act

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद के लागू किया गया है.  इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.  प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है.  ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है.

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