राजस्थान(Rajasthan) को उसके हिस्से का पानी देने की मांग को लेकर मंत्री सुखराम बिश्नोई(Sukhram Vishnoi) एनसीए कार्यालय इंदौर पहुंचे और नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (Narmada Control Authority) के निदेशक को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मंत्री ने गुजरात (Gujarat ) सरकार पर लगातार नियमों का उल्लघंन करने की शिकायत की.
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Sanchore News, Jalore : राजस्थान में जालोर के सांचौर में नर्मदा नहर में गुजरात से पर्याप्त पानी नहीं मिलने के चलते किसान नर्मदा नहर पर जगह-जगह आंदोलन कर रहे थे. ऐसे में मंत्री सुखराम बिश्नोई जल वितरण कमेटी के सदस्यों के साथ मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंचे. इस दौरान नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के निदेशक और एग्जीक्यूटिव मेम्बर अशोक कुमार ठाकुर और प्राधिकरण सदस्य डॉ तेजराज नायक से मुलाकात की और तथ्यों के साथ ज्ञापन देकर राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी देने की मांग की.
जिसमें बताया गया कि गुजरात लगातार प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों, अन्तर्राज्यीय समझौते का घोर उल्लंघन करते हुए नर्मदा नहर परियोजना में राजस्थान को उसके हिस्से का पानी नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर से लेकर 29 नवम्बर तक इंटेंडेड मांग अनुसार 72600 क्यूसेक राजस्थान को देना था, लेकिन अभी तक राजस्थान को 45119 क्यूसेक पानी ही उपलब्ध करवाया गया.
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जिसके चलते राजस्थान में नर्मदा नहर पर जगह-जगह धरना और हड़ताल कर रहे हैं. राजस्थान में किसानों ने बुवाई कर रखी है, लेकिन पानी के अभाव में किसानों को भयंकर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. गुजरात राज्य ने नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को लिखे पत्र में स्वीकार किया था कि गुजरात के हिस्से वाली मुख्य नहर में पिछले 13 साल से सफाई नहीं हुई है.
इतना ही नहीं गुजरात में कैनाल लाइनिंग को पंक्चर कर जगह-जगह पाइप लगाए हुए हैं. इतना ही नहीं रिड़का हैड पर लगा स्काडा सिस्टम भी सही रीडिंग नहीं दे रहा है. इस हालातों के चलते राजस्थान में जालोर और बाड़मेर ज़िले के नर्मदा नहर परियोजना से जुड़े किसानों में भयंकर आक्रोश व्याप्त है. मंत्री ने नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के निदेशक को ज्ञापन देकर राजस्थान को उनके हिस्से का पूरा पानी देने की मांग की है.
रिपोर्टर- डूंगर सिंह
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