Bhinmal: अवैध आरा मशीनें हरे-भरे पेड़ों की चढ़ा रहीं बलि, चुप्पी साधे बैठे अधिकारी
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Bhinmal: अवैध आरा मशीनें हरे-भरे पेड़ों की चढ़ा रहीं बलि, चुप्पी साधे बैठे अधिकारी

Bhinmal: पर्यावरण को बचाने के लिए जहां एक ओर घर-घर हरियाली का संदेश दिया जा रहा है, वहीं बागोडा उपखंड क्षेत्र के खोखा गांव अवैध आरा मशीनें धड़ल्ले से चल रही हैं. नियमों को ताक में रखकर इन आरा मशीनों में हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है. आश्चर्य की बात है तो यह है कि हरियाली का पाठ पढ़ाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान तक नहीं हैं. पर्यावरण पर चलते कुल्हाड़ों की सब अनदेखी कर रहे हैं. नतीजतन इन पर अंकुश लगने की बजाय आए दिन अवैध आरा मशीनें बढ़ रही हैं.

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यहां चल रहीं अवैध आरा मशीनें
जानकारी के अनुसार उपखंड क्षेत्र खोखा गांव में सूत्रों के अनुसार 15 से 20 आरा मशीनें बिना लाइसेंस से संचालित की जा रही हैं, ‌ इनके पास न लाइसेंस है और ना ही आरा मशीनें चलाने के लिए एनओसी. लाइसेंसशुदा आरा मशीन संचालक को लकड़ी चीरने के दौरान वृक्ष का नाम, चिराई के बाद लकड़ी को बेचने और बचने वाली लकड़ी का विवरण रजिस्टर में अंकित करना होता है. इसके अलावा आरा मशीन परिसर में सूचना पट्ट पर मशीन के बारे में जानकारी, लकडिय़ों का स्टॉक और लाइसेंस रखना आवश्यक है. नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले आरा मशीन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर वार्षिक जांच तक समय पर नहीं की जाती है.खेजड़ी और नीम भी कट रहे.

प्रतिबंधित के बावजूद पेड़ों को काटा जा रहा है 
इनमें से कई संचालक बिना लाइसेंस चल रही आरा मशीनें क्षेत्र के लकड़ी माफियाओं के लिए यह मशीनें काफी फायदेमंद साबित हो रही हैं. मानना पड़ेगा कि इलाके में ऐसे पेड़ों की भी कटान होती है, जो हरे अथवा प्रतिबंधित हैं. इनका परमिट भी वन विभाग से नहीं मिल पाता है. जैसे खेजड़ी, नीम आदि पेड़ों की लकडिय़ां प्रतिबंधित होने के बावजूद काटी जा रही हैं. इन पेड़ों को काटने के बाद इनकी चिराई इन्हीं अवैध आरा मशीनों पर की जाती है. जिनके पास न लाइसेंस हैं.

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कार्रवाई करने का है प्रावधान
पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने के लिए सरकार ने कानून तो बना दिया हो लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही. आपको बता दें खोखा क्षेत्र में खुलेआम आरा मशीनों पर लकड़ी की कटाई की जा रही है. भले ही अवैध कटाई रोकने के लिए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1965 और राजस्थान वन अधिनियम 1953 के तहत अवैध कटान करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करनी होगी.

Reporter- Dungar Singh

 

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