स्वर्ण नगरी जैसलमेर की गड़ीसर लेक पर राजस्थान पर्यटन विभाग के लगाए लाइट एंड साउंड शो ने शाम को सैलानियों की संख्या में इजाफा कर दिया है.
Trending Photos
जैसलमेर:स्वर्ण नगरी जैसलमेर की गड़ीसर लेक पर राजस्थान पर्यटन विभाग के लगाए लाइट एंड साउंड शो ने शाम को सैलानियों की संख्या में इजाफा कर दिया है. शाम होते ही गड़ीसर लेक पर सैलानियों का जमावड़ा बढ़ जाता है और लाइट एंड साउंड शो में पानी की बौछारों से जैसलमेर के इतिहासे से रूबरू करवाया जाता है.
जैसलमेर में इस साल 6 करोड़ 23 लाख की लागत से शुरू हुए लाइट एंड साउंड शो से सैलानी संगीत के साथ फवारों का आनंद लेते हैं और उसके बाद जैसलमेर के इतिहास से रूबरू होते हैं. नगरपरिषद आयुक्त लजपाल सिंह इसे एक बढ़िया शुरुआत बताते हैं और कहते हैं कि जैसलमेर में इससे नाइट टूरिज़्म की शुरुआत हो गई है.
शाम ढलते ही गड़ीसर लेक पर सैलानियों की भीड़
जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं. इस कड़ी में जैसलमेर के ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर पर चल रहा लाइट एन्ड साउंड शो पर्यटन को चार चांद लगा रहा हैं. शाम के वक्त सैकड़ों की संख्या में सैलानी इसका लुत्फ उठाने के लिए आते है. पानी की बौछारों से रोशनी के साथ जैसलमेर का सोनार किला, जैसलमेर के रियासत कालीन ध्वज के साथ-साथ यहां के इतिहास और संस्कृति से रू-ब-रू किया जाता है.
दरअसल, स्वर्ण नगरी जैसलमेर में दिन में तो घूमने के लिए कई ऐतिहासिक हवेलियां, सोनार किला व गड़ीसर सरोवर जैसे पर्यटन स्थल है लेकिन शाम के वक्त घूमने के लिए कुछ खास नहीं था. लेकिन पर्यटन विभाग की शानदार पहल पर लाइट एन्ड साउंड शो से यहां पर नाइट टूरिज्म शुरू हो गया है. जिससे पर्यटकों को तो लुत्फ उठाने का एक ओर प्लेटफॉर्म मिल गया. वहीं पर्यटन व्यवसाय को भी इससे संजीवनी मिल गई है.
जैसलमेर के इतिहास की मिल रही जानकारी
नगरपरिषद आयुक्त लजपाल सिंह ने बताया कि जैसलमेर में लाइट एंड साउंड शो से एक नया अध्याय शुरू हो गया है. पहले रात को सैलानियों के लिए कोई प्लेस नहीं था, लेकिन गड़ीसर लेक पर लाइट एंड साउंड शो से टूरिज्म को बहुत फायदा हुआ है. इससे रात को सैलानियों को जैसलमेर में रात को घूमने का नया स्थान मिल गया है, जहां उन्हें अच्छा लगा रहा है. लाइट एंड साउंड शो में रंगीन म्यूजिकल फव्वारों के साथ जैसलमेर के इतिहास की जानकारी भी दी जाती है ,जिससे सैलानियों को इतिहास की जानकारी भी मिल जाती है. गौरतलब है कि पर्यटन विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को 6 करोड़ 23 लाख की लागत से बनाया गया है.