Jaisalmer news: पर्यटन नगरी जैसलमेर का नाम विश्व के पर्यटन मानचित्र पर किसी परिचय का मोहताज नहीं है, खूबसूरत सोनार किले और यहां की नक्काशीदार हवेलियों के साथ रेगिस्तान में नखलिस्तान का अहसास कराने वाली गड़ीसर झील पर सुहावने मौसम में नौकायन कर पर्यटक उत्साहित दिखाई दे रहे है.
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Jaisalmer news: पर्यटन नगरी जैसलमेर का नाम विश्व के पर्यटन मानचित्र पर किसी परिचय का मोहताज नहीं है, खूबसूरत सोनार किले और यहां की नक्काशीदार हवेलियों के साथ रेगिस्तान में नखलिस्तान का अहसास कराने वाली गड़ीसर झील पर सुहावने मौसम में नौकायन कर पर्यटक उत्साहित दिखाई दे रहे है. सरोवर के बीच बनी कलात्मक बंगलियों में जाकर या फिर नौकायन के दौरान पर्यटक सेल्फी लेना भी नहीं भूल रहे. साथ ही सम के लहरदार धोरे यहां आने वाले सैलानियों को आकर्षित किये बिना नहीं छोडते हैं. यही कारण है कि यहां प्रतिवर्ष आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा ही होता जा रहा है.
स्वर्ण नगरी में नए साल का सपना संजोए इन दिनों हजारो सैलानी जैसलमेर में पहुंचने लगे है. पर्यटक दिन की शुरुआत में सोनार दुर्ग व पटवा हवेली का भ्रमण कर रहे हैं, वहीं दोपहर में ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर पहुंच कर नौकायन का लुत्फ उठा रहे हैं. शाम को सैलानी सम के मखमली धोरों पर सूर्यास्त के मनोहारी नजारें को कैमरे में कैद कर रहे हैं और कैमल सफारी के बाद रिसोर्ट में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठा रहे हैं. जैसलमेर के सोनार दुर्ग से सम के रेतीले धोरों तक इन दिनों देशी सैलानियों की बहार आने से पर्यटन व्यवसाय चहक रहा है.
गत 20 दिसम्बर से नए साल की 5 तारीख यानी एक पखवाड़े के दौरान करीब 60 हजार सैलानियों के आगमन की उम्मीद जताई जा रही है. यह संख्या दिवाली सीजन को भी पछाड़ रही है. सम सेंडड्यून्स स्थित लगभग सभी रिसोट्र्स हाउसफुल की अवस्था में पहुंच चुके हैं. ऐसे में सैलानियों को अब मायूस होकर जैसलमेर शहर की होटलों में ठहरने का मानस बनाना पडऱहा है. इस तरह से सैलानियों की पहली पसंद रेतीले धोरों पर स्थापित रिसोट्र्स बन गए हैं.
दिन के समय जहां जैसलमेर के सोनार दुर्ग तथा अन्य दर्शनीय स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ी हुई नजर आती है, वहीं शाम को सम के धोरों पर धमाल मचाते हुए देखे जा रहे हैं. सम सेंडड्यून्स पर इन दिनों रोजाना करीब 5 हजार सैलानी पहुंच रहे हैं. सैलानियों की बम्पर आवक के चलते जैसलमेर के सोनार दुर्ग में सुबह 9 बजे से भीड़ का जो मंजर दिखाईदेता है, वह अनवरत रूप से दोपहर 2 बजे तक कायम रहने से पर्यटन सीजन के उफान पर होने की कहानी कह रहा है. ऐसे ही सुबह से गड़ीसर सरोवर तथा पटवा हवेलियों के आसपास भी सैलानी उमड़े हुए नजर आते हैं.
पर्यटकों की यह भीड ज़ैसलमेर के तीनों पार्किंग स्थलों, रेस्टोरेंट्स तथा बाजारों में भी दिखने लगी है. दुर्ग की पार्किंग में वाहन पूरे रिंग रोड तथा दूसरी ओर ढिब्बा पाड़ा की ढलान के अंत तक खड़े रहते हैं. ऐसे ही मलका प्रोल पार्किंग में वाहन पूरी तरह नहीं सामने कलाकार कॉलोनी मार्ग के दोनों ओर खड़े किए जा रहे हैं. शहर के करीब सभी रेस्टोरेंट्स में भोजन के लिए लोगों को जगह खाली होने का इंतजार करना पड़ रहा है.खाने-पीने के अन्य ठिकानों पर भी भीड़ नहीं समा रही.
जिससे षहर के करीब सभी व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे हैं. वर्तमान में स्वर्णनगरी में यह हालात है कि स्थानीय लोगों से ज्यादा सैलानी दिखाई दे रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक हजारों की तादाद में सैलानी हर साल दिसंबर में आते हैं. बाजार में जबरदस्त भीड़ है और पर्यटन स्थलों पर तो कदम रखने तक की जगह नहीं है.
सैलानी किसी खास राज्य से आने की बजाय करीब सभी हिस्सों से पहुंच रहे हैं. इनमें दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात, ओडीशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार आदि प्रमुख हैं.अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोगों की आमद से इस सीमांत शहर में ‘लघु भारत’ आकार लेता दिख रहा है.ऐसे ही राजस्थान के विभिन्न शहरों से भी पर्यटक जैसलमेर आ रहे हैं. यह सिलसिला आगामी साल के पहले पांच-सात दिनों तक बदस्तूर कायम रहने की संभावना है.