जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी के इस फैसले की पूरे राजस्थान में हो रही तारीफ, जानें क्या है मामला
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1708962

जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी के इस फैसले की पूरे राजस्थान में हो रही तारीफ, जानें क्या है मामला

Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर में कुछ दिन पहले पाक विस्थापितों द्वारा बनाए गए मकानों को यूआईटी ने उजाड़ दिया था. वहीं, इसके बाद फिर से आईएएस टीना डाबी ने एक फैसला लिया, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है. 

 

जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी  के इस फैसले की पूरे राजस्थान में हो रही तारीफ, जानें क्या है मामला

Jaisalmer News: पिछले सप्ताह जैसलमेर के अमरसागर गांव में पाक विस्थापितों द्वारा बनाए गए मकानों पर यूआईटी ने कार्रवाई करते हुए करीब 40 परिवारों के आशियाने हटाये गए थे, जिसके बाद पाक विस्थापितों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के आगे धरने पर बैठे गए. 

वहीं, धरने पर बैठने के बाद राज्य भर में मामला जोरों से उठा और भाजपा नेताओ ने भी गहलोत सरकार पर जमकर धावा बोला, जिसके बाद राज्य और केंद्र सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पाक विस्थापितों को बसाने को जिला कलेक्टर को आदेश जारी किए. 

यह भी पढ़ेंः Rajasthan University: राजस्थान यूनिवर्सिटी में शराब के नशे में युवकों ने की मारपीट, रास्ता मांगने पर हुआ विवाद

पाक विस्थापितों को मिली जमीन
इसके बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी व पाक विस्थापितों के बीच जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक समझौता हुआ कि जिन पाक विस्थापितों को नागरिकता मिल चुकी है, उन्हें 7 दिन में ही जिला प्रशासन द्वारा रहने के लिए उचित जमीन दी जाएगी. वहीं, जिन्हें नागरिकता अभी तक नहीं मिली है उन्हें शहर के डेडानसर रोड स्थित रैन बसेरा में जिला प्रशासन के खर्चे पर ठहराया जाएगा, जहां पर भोजन सहित समस्त व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी. 

इस प्रस्ताव के बाद पाक विस्थापितों ने अपना धरना समाप्त कर दिया और जिला कलेक्टर टीना डाबी का आभार भी जताया. वहीं, 7 दिन के भीतर रिफ्यूजी के लिए शहर के नजदीक ही एक जगह चिन्हित कर उन्हें बसाना जिला प्रशासन के लिए अपने आप में बड़ी चुनौती थी,  लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी ने अपने वादे को बखूबी निभाया. 

 250 परिवारों को बसाने की योजना
शहर से सटे मूल सागर गांव में करीब 40 बीघा जमीन पाक विस्थापितों के लिए जिला प्रशासन ने एलोट कर दी है. यूआईटी द्वारा खसरा नंबर 72-73 को पाक विस्थापितों के लिए खासतौर से आरक्षित कर दिया गया है, जहां पर 50 के करीब परिवार यहां अपना आशियाना बना सकेंगे. वहीं, यहां पर 250 परिवारों को बसाने की योजना बनाई गई है. 

जिन पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है, उनको यूआईटी यहां पट्टे देगी. वहीं,  जिनको अभी तक नागरिकता नहीं मिली है, उनके रिकॉर्ड भारत सरकार से लेकर इसी जगह पर बैठाया जाएगा. यहां पर पाक विस्थापितों द्वारा सोमवार को भूमि-पूजन कर मिठाईयां बांटी गई और जिला कलेक्टर का आभार भी जताया गया. 

यह भी पढ़ेंः धौलपुर में एक पिता ने अधेड़ के साथ करा दी 7 साल की बच्ची की शादी, जानें क्यों?

पाक विस्थापितों के नेता हिंदू सिंह ने की जिला प्रशासन की तारीफ
पाक विस्थापितों के लिए जिला प्रशासन द्वारा 7 दिन में ही जमीन एलॉट कर उन्हें बसाने की योजना ने जहां विपक्ष के मुंह पर ताला लगा दिया. वहीं,  जिला प्रशासन की इस सराहनीय मुहिम के बाद पाक विस्थापितों के नेता व सीमांत लोक संगठन अध्यक्ष हिन्दूसिंह सोढा भी मंगलवार को इन पाक विस्थापितों के डेरे पहुंचे और जिला प्रशासन का आभार जताया. वहीं, उन्होंने कहा कि पाक विस्थापित भारत के ही मूल वाशिंदे हैं, लेकिन विभाजन के उस दौर में वे पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन आज भी उनके दिलों में दिल हिंदुस्तानी धड़कता है.

Trending news