NCRB ने विश्व मानसिक दिवस पर जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, पुरुषों से ज्यादा महिलाएं करती है आत्महत्या
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NCRB ने विश्व मानसिक दिवस पर जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, पुरुषों से ज्यादा महिलाएं करती है आत्महत्या

World Mental Day आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है. WHO के आंकड़े बताते है कि कोरोना महामारी ने आम आदमी की मानसिक स्थिति पर काफी असर डाला है. दुनिया में हर आठवां शख्स डिप्रेशन का शिकार है.

NCRB ने  विश्व मानसिक दिवस पर जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, पुरुषों से ज्यादा महिलाएं करती है आत्महत्या

World Mental Day: आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है. WHO के आंकड़े बताते है कि कोरोना महामारी ने आम आदमी की मानसिक स्थिति पर काफी असर डाला है. दुनिया में हर आठवां शख्स डिप्रेशन का शिकार है.

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इतिहास बताता है कि राजस्थान वीरों की धरा रही है.यहां उन वीर सपूतों ने जन्म लिया जिन्होंने ना सिर्फ इतिहास लिखा बल्कि राजस्थान को कभी झुकने नहीं दिया.लेकिन आज इसी राजस्थान का पुरुष डरा हुआ है.अकेला है और हारा हुआ है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि NCRB के आंकड़े बता रहे है कि साल 2021 में खुदकुशी करने वाले लगभग 5 हजार 500 लोगों में से 4 हजार पुरुष थे और महज 1 हजार 500 महिलाएं. NCRB के इन आंकड़ों में चिंता की बात ये है कि खुदकुशी करने वालों में से सबसे ज्यादा 18 से 30 साल के युवा है. 

हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. कोविड- 19 महामारी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसपर ध्यान नहीं देते. फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह हैं. किसी भी एक पहलू को नजरअंदाज करना दूसरे पहलू को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है. बड़े-बूढ़े से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. तो इस प्रॉब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की जरूरत है.  वरना आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है.
हर वर्ग को रहता है इससे परेशान

वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ अखिलेश जैन का कहना है कि देश में 2021 के दौरान आत्महत्या के मामले बढ़ते  हुए नजर आए हैं. एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों की माने तो साल 2021 में 1 लाख 64 हजार 33  ने आत्महत्या की है, यानि की हर दिन करीब 450 लोगों ने आत्महत्या कर ली. ये अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा आंकड़ा है. जिसमें करीब 45 हजार महिलाएं भी शामिल है. देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याओं की घटनाएं महाराष्ट्र में सामने आई है. वहीं राजस्थान में पिछले 1 साल में 5 हजार 593 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं, जिसमें 1536 महिलाओं ने मौत को गले लगाया है.

पुरुषों से ज्यादा महिलाए करती है आत्महत्या

यह आंकड़े साफ करते हैं कि 18 साल की कम उम्र में युवक से ज्यादा युवतियों ने आत्महत्याएं की है. वहीं 18 साल से अधिक उम्र में पुरुषों की संख्या आत्महत्या के मामलों में ज्यादा है. राजस्थान में भी पिछले साल जहां 4 हजार 57 पुरुषों ने आत्महत्याएं की, वहीं 1536 महिलाओं ने खुदकुशी कर अपनी जान दी. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी पिछले साल 593 आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं. अकेलापन ,बेहतर करियर ,वर्चुअल दुनिया के रिश्ते , इंटरनेट गेम्स की लत, पढ़ाई का दबाव ,पारिवारिक विवाद ये सभी किसी नया किसी तरह से मानसिक अवसाद और फिर खुदकुशी का कारण बनते है.

 बता दे कि कोविड महामारी से पहले की तुलना में साल 2020 और 2021 में आत्महत्याओं के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. आयु वर्ग से देखा जाये तो 18 से 30 साल के युवा वर्ग ने सबसे ज्यादा संख्या में आत्महत्याएं की है.लेकिन मानसिक अवसाद मे आने वाले व्यक्ति के स्वभाव मे आने वाले बदलाव को हम पहचान सकते है और बातचीत के जरिए हर मसले को सुलझा सकते है.

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