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Tan SIngh ji Birth Centenary : श्री क्षेत्रीय युवा संघ के संस्थापक पूज्य तन सिंह जी की जन्म शताब्दी के मौके पर आज नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राजस्थान समेत देशभर के तमाम राजपूत नेता और राजपूत समाज से प्रतिनिधि शामिल हुए.
कर्म को ही जीवन व अकर्मण्यता को मृत्यु मानने वाले, जीवन की ठोकरों और परीक्षा को अपना सौभाग्य मानने वाले, समाज के लिए जीवन, गौरव व सम्मान जुटाने के लिए अपने अनोखे साधना कुटुम्ब श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना करने वाले पूज्य तनसिंह जी का जन्म 25 जनवरी 1924 तद्नुसार माघ कृष्णा चतुर्थी को अपने ननिहाल बैरसियाला (जैसलमेर) में हुआ.
उनके पिता बाड़मेर के रामदेरिया गांव के ठाकुर बलवंत सिंह महेचा एवं ममतामयी माता मोतीकंवर जी सोढ़ा थीं. उनके जन्म के लगभग 4 वर्ष बाद ही उनके पिताजी का देहावसान हो गया. छठी कक्षा तक बाड़मेर पढने के बाद 1938 ई. में मात्र 14 वर्ष की आयु में तनसिंह जी ने जोधपुर स्थित चौपासनी विद्यालय में प्रवेश लिया. मैट्रिक तक की पढाई चौपासनी में की और 1942 ई. में अपने घर से लगभग 600 किमी. दूर झुंझूनूं जिले के पिलानी कस्बे में स्थित बिरला कॉलेज में अध्ययन के लिए गए.
पूज्य तन सिंह जी ने यहां से स्नात्तक की परीक्षा उत्तीर्ण कर 1946 ई. में नागपुर गये और वहां से वकालात की पढाई पूर्ण की. बाड़मेर आकर वकालात प्रारंभ की एवं 1949 ई. में बाड़मेर नगर पालिका के प्रथम अध्यक्ष के रुप में निर्वाचित हुए. 1952 के आमचुनावों में मात्र 28 वर्ष की आयु में बाड़मेर से राजस्थान की प्रथम विधानसभा के लिए विधायक चुने गए. उस विधानसभा में कुछ समय के लिए संयुक्त विपक्ष के नेता भी रहे. 1957 में पुनः विधायक चुने गए. 1962 में बाड़मेर-जैसलमेर जैसे संसार के सबसे बडे़ निर्वाचन क्षेत्र से मात्र 9000 रु. खर्च कर सांसद निर्वाचित हुए. 1967 का चुनाव हार गए तब स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया एवं साथ ही अपने अनेक साथियों को रोजगार उपलब्ध करवाया. 1977 में पुनः सांसद चुने गए एवं 1979 की 7 दिसंबर को आपकी लौकिक देह का देहावसान हो गया.
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