साइबर क्राइम कंट्रोल पर 'लीपापोती', बढ़ते मामलों में टॉप पर UP, जानिए राजस्थान कौनसे नंबर पर?
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साइबर क्राइम कंट्रोल पर 'लीपापोती', बढ़ते मामलों में टॉप पर UP, जानिए राजस्थान कौनसे नंबर पर?

Jaipur News: बढ़ते साइबर क्राइम मामलों में टॉप पर UP है. राजस्थान में साइबर क्राइम सिर चढ़कर बोलने लगा है. नजर चूकी और बैंक खाते से पैसा गायब. साइबर क्राइम के कई हॉट स्पॉट बन गए हैं,

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Cyber Crime increasing in Rajasthan: प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम ने जनता की नींद उड़ाने के साथ ही सरकार को भी चिंता में डाल रखा है. साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए सरकार ने पुलिस से विशेष कार्य योजना मांगी, लेकिन PHQ ने लीपापोती कर भेज दी. कार्य योजना में यह तो नहीं बताया गया कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए कैसे और क्या कदम उठाएंगे जबकि साइबर कंट्रोल को छोड़कर अन्य कार्य बता दिए गए. पुलिस की इस कार्य योजना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस ने यह खानापूर्ति क्यों की ?

राजस्थान में साइबर क्राइम सिर चढ़कर बोलने लगा है. नजर चूकी और बैंक खाते से पैसा गायब. साइबर क्राइम के कई हॉट स्पॉट बन गए हैं, खासकर भरतपुर का मेवात इलाका. प्रदेश में आम से लेकर खास तक सभी लोग साइबर अपराधियों की कारगुजारियों के शिकार हुए हैं. देश में साइबर फ्रॉड के करीब 12 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हैं, इनमें करीब करीब आधे मामले पांच राज्यों में ही दर्ज हैं. इनमें सबसे पहले नम्बर पर उत्तर प्रदेश हैं जहां सालाना करीब दो लाख साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज होते हैं. 

यूपी के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान (नंबर-4) और हरियाणा का नम्बर आता है. राजस्थान में बढ़ते साइबर अपराधियों को लेकर राज्य सरकार तक चिंतित है. पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के हर जिले में साइबर थाना खोलने का प्रस्ताव भेजा. इस पर राज्य सरकार ने पुलिस मुख्यालय से साइबर क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए हॉट स्पॉट इलाकों में विशेष कार्य योजना मांगी. पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अपराध पर किस तरह कंट्रोल किया जाएगा यह नहीं बताया गया. हॉट स्पॉट इलाके में साइबर क्राइम अपराधियों को कैसे रोकेंगे नहीं बताया गया.

इधर भले ही पुलिस मुख्यालय ने हॉट स्पॉट इलाकों में साइबर अपराधियों पर कार्रवाई की कार्य योजना नहीं भेजी, लेकिन आईजी भरतपुर राहुल प्रकाश ने बड़े पुलिस बल के साथ मेवात क्षेत्र में धावा बोला. इस दौरान बड़ी संख्या में साइबर क्राइम करने वाले आराेपियों के साथ ही मोबाइल, नकदी और अन्य संसाधन जब्त किए हैं.

पुलिस मुख्यालय की ओर से भेजी गई साइबर क्राइम कंट्रोल की विशेष कार्य योजना में इन बिंदुओं को शामिल किया गया है .

- नवसृजित 19 जिलों में साइबर क्राइम थानों को संचालन नहीं होने के कारण साइबर अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.

- जिलों में पूर्व में संचालित साइबर पुलिस थानों में राज्य सरकार ने पूर्व में 1 उप अधीक्षक पुलिस, 1 निरीक्षक पुलिस, 3 उप निरीक्षक , 5 कांस्टेबल, 1 कांस्टेबल चालक, 1 प्रोग्रामर , डाटा एनालिस्ट और एक सूचना सहायक के पद स्वीकृत किये गए थे.

- वर्तमान समय में साइबर अपराध तेज गति से बढ़ने के कारण उक्त टीम साइबर अपराधों पर नियंत्रण करने एवं अनुसंधान संबंधित कार्यों के लिए बहुत कम है. अतः पूर्व में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त, प्रति साइबर पुलिस थानों में अतिरिक्त पुलिस टीम बढ़वाई जानी है.

- समय-समय पर स्थानीय स्तर पर डीओटी, बैंकों, इंटरनेट और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों एवं स्थानीय एजेंसियों से समन्वय कर बैठकें की जाएगी, जिसमें अवैध रूप से संचालित पीओएस एवं एटीएम मशीन के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी. सभी बैंकों एवं इंटरनेट, टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कम्पनियों एवं स्थानीय एजेसियों से समन्वय स्थापित कर पुलिस को जानकारी दी जाएगी.

- मेवात क्षेत्र में जामताड़ा, झारखंड की तर्ज पर साइबर हॉट स्पॉट क्षेत्रों में साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा.

- राज्य के बाहर के साइबर अपराधों की हॉट स्पॉट क्षेत्रों में संलिप्तता मिलने पर स्वयं के स्तर पर पहले संदिग्ध को पकड़कर आवश्यक बरामदगी कर आईटी एक्ट में उनके विरुद्ध अपराध दर्ज कर राज्य की बाहर की पुलिस को आवश्यक हर संभव मदद की जाएगी.

- यह टास्क फोर्स गृह मंत्रालय, नेशनल साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेन्टर (NCRIP), 1930 पर प्राप्त शिकायतों का अध्ययन कर साइबर अपराधों के बेहतर अनुसंधान एवं त्वरित कार्रवाई करेगी.

- इसके अलावा सम्पूर्ण राज्य में साइबर अपराधों के अनुसंधान में आने वाली समस्याओं के निराकरण करने एवं अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय किया जायेगा.

- साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को देखते हुए साइबर सुरक्षा सलाहकार नियुक्त करने की आवश्यकता है. ये साइबर अपराधों की रोकथाम, पता लगाने और प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर सभावित हमलों से बचाव के लिए सिस्टम सुरक्षा, नेटवर्क, डेटा, सॉफ्टवेयर और सूचना प्रणालियों से पता लगाने का काम करेंगे.

- इसके साथ ही सुरक्षा जांच और खतरा विश्लेषण कार्यक्रम स्थापित करना, सत्यापन प्रक्रियाओं, सुरक्षा प्रणालियों और उभरते खतरों से अवगत रहते हुए साइबर सुरक्षा मानदंडों पर चल रहे शोध का संचालन करना, हर पहलू में ग्राहक की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर काम करना, कार्रवाई योग्य निवारक समाधानों के साथ तकनीकी रिपोर्ट और परीक्षण निष्कर्ष देने का काम करेंगे.

बताया जा रहा है कि यह कार्य योजना गृह विभाग पहुंची तो इसे वापस पुलिस मुख्यालय भिजवा दिया गया. अधिकारियाें की ओर से कहा गया कि साइबर अपराध के खिलाफ स्पष्ट विशेष कार्ययोजना बनाकर भेजें.

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