दिवाली अवकाश से पूर्व मिल सकते हैं सुप्रीम कोर्ट को 3 नए जज! 1 का राजस्थान से कनेक्शन
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दिवाली अवकाश से पूर्व मिल सकते हैं सुप्रीम कोर्ट को 3 नए जज! 1 का राजस्थान से कनेक्शन

Supreme Court of India: केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद अब गुरूवार को राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारण्ट जारी किए जा सकते हैं. राष्ट्रपति भवन में गुरूवार न्याय विभाग के लिए आवंटित है. सूत्रों के अनुसार नियुक्ति वारंट जारी होने के साथ ही दीवाली अवकाश से पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट में शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा.

दिवाली अवकाश से पूर्व मिल सकते हैं सुप्रीम कोर्ट को 3 नए जज! 1 का राजस्थान से कनेक्शन

Supreme Court of India: देश की सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा हाल ही में भेजी गयी सिफारिश को मंजूरी मिलने की खबर है. सुत्रो के अनुसार, केन्द्र सरकार ने बुधवार को जस्टिस संदीप मेहता सहित तीन जजों की नियुक्ति की सिफारिश को मंजूर कर लिया है. केन्द्र की मंजूरी के बाद फाइल राष्ट्रपति भवन भेज दी गयी हैं, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कभी भी तीनों जजो के नियुक्ति वारंट जारी किए जा सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 नवंबर को ही 3 हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी. इनमें दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह और गुवाहाटी हाई कोर्ट (Gauhati High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संदीप मेहता का नाम भी शामिल है. 

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केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद अब गुरूवार को राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारण्ट जारी किए जा सकते है. राष्ट्रपति भवन में गुरूवार न्याय विभाग के लिए आवंटित है. सूत्रों के अनुसार नियुक्ति वारंट जारी होने के साथ ही दीवाली अवकाश से पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट में शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा.

राजस्थान से सुप्रीम कोर्ट जाने वाले 9वें जज हैं जस्टिस संदीप मेहता
गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मूल राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस संदीप मेहता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सिफारिश की है. 11 जनवरी 1961 को राजस्थान के जोधपुर में जन्में जस्टिस संदीप मेहता की उनकी वरिष्ठता और सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान हाईकोर्ट के प्रतिनिधित्व के लिए हाल ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केन्द्र को सिफारिश भेजी थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद अब राष्ट्रपति भवन की ओर से जस्टिस संदीप मेहता सहित तीनों जजों का भी नियुक्ति वारंट भी जारी किया जा सकता हैं. 
जस्टिस संदीप मेहता ने जोधपुर विश्वविद्यालय से ही बीएससी और लॉ डिग्री की हासिल करने के बाद वर्ष 1988 में अधिवक्ता के रूप में राजस्थान बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. ट्रायल कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर से वकालत शुरू करते हुए जस्टिस संदीप मेहता बहुत कम समय में सबसे अधिक मांग वाले अधिवक्ताओं में शुमार रहे.

गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया
आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले जस्टिस मेहता राजस्थान हाईकोर्ट सहित देश के अलग अलग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करते रहे. जज नियुक्त होने से पूर्व वे वर्ष 2004—05 तक बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के उपाध्यक्ष और 2010 में अध्यक्ष भी चुने गए. करीब 25 वर्ष के वकालात के अनुभव के साथ 30 मई 2011 को उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया.जस्टिस संदीप मेहता को राजस्थान में विधिक सेवा के प्रयासों के लिए भी जाना जाता है. इसी वर्ष 15 फरवरी 2023 को पदोन्नति के साथ ही उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. देश की सर्वोच्च अदालत से जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अजय रस्तोगी के सेवानिवृत्त होने से राजस्थान हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व नहीं था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस संदीप मेहता को सर्वोच्च अदालत में राजस्थान हाईकोर्ट के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की. जस्टिस संदीप मेहता राजस्थान से सुप्रीम कोर्ट जाने वाले 9 वें जज हैं.

वरिष्ठता के साथ पदोन्नति जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा
मध्यप्रदेश के भोपाल में 30 नवंबर 1961 को जन्मे जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा ने 1981 में लॉ डिग्री हासिल की थी. लॉ करने के बाद 1984 में जस्टिस शर्मा ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से वकालात शुरू की.2003 में उन्हे हाईकोर्ट की ओर से सबसे युवा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया. 18 जनवरी 2008 में उन्हे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति के दो साल बाद 2010 में उन्हे स्थायी जज नियुक्त किया गया. करीब 11 साल बाद 4 जनवरी 2021 को उनका तबादला मध्यप्रदेश से कर्नाटक हाईकोर्ट में किया गया. कुछ समय के लिए वे अगस्त 2021 में कर्नाटक हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर 11 अक्टूबर 2021 को उन्हे तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था. वरिष्ठता क्रम के अनुसार मई 2022 में उनकी पदोन्नति करते हुए उन्हे तबादले के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति दी गयी. राष्ट्रपति ने 26 मई 2022 को तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा के तबादला आदेश जारी करते हुए उन्हे दिल्ली हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था. हाल ही में 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनकी पदोन्नति करते हुए सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की है.

पंजाब हाईकोर्ट और ईसाई समुदाय का प्रतिनिधित्व जस्टिस मसीह
12 मार्च, 1963 को पंजाब के रोपड़ में जन्में राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह मूल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जज है. जस्टिस मसीह ने नसेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल, कसौली (एचपी) में प्रारंभिक स्कूली शिक्षा ली और फिर सैफुद्दीन ताहिर हाई स्कूल, अलीगढ़ से स्कूली शिक्षा पूरी की. जस्टिस मसीह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से विज्ञान में बीए ऑनर्स करने के बाद एलएलबी की डीग्री हासिल की. जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह ने 6 जून 1987 को पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. रजिस्ट्रेशन के साथ ही 1987 में उन्होंने वकालत शुरू की थी. इसके बाद उन्हें सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया था. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त होने तक एक अधिवक्ता के रूप में उन्होने Supreme Court, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट सहित कई हाईकोर्ट और देशभर की अदालतों में पेरवी की है

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दो दशक के वकालात में उन्होने पंजाब राज्य के लिए Assistant Advocate General, Deputy Advocate General, Additional Advocate General के पद पर भी रहे. 10 जुलाई 2008 को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप नियुक्त मिली.इसके बाद 14 जनवरी 2011 को जस्टिस मसीह को स्थायी जज नियुक्त किया गया. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 19 अप्रैल 2023 में उन्हे पदोन्नति देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की. केन्द्र की मंजूरी के बाद 30 मई 2023 को उन्होने राजस्थान मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस के एम जोसेफ की सेवानिवृति के बाद से देश की सर्वोच्च अदालत में ईसाई समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहा. Justice Augustine George Masih की नियुक्ति के साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के साथ साथ ईसाई समुदाय से आने वाले जज का प्र​तिनिधित्व होगा. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले जस्टिस मसीह 14 वें जज है.

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