Rajasthan Pride: राजस्थान के चूरू में तैयार होने वाले रसीले पेठे को लोग खूब पसंद करते हैं. इसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ सकता है. तो चलिए जानते हैं, रसीला पेठा क्यों है इतना खास, और इसे कैसे तैयार किया जाता है.
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Rajasthan Pride : राजस्थान को खान-पान और प्रचीन संस्कृति के लिए सम्रद्ध राज्य माना जाता है. राजस्थानी मिठाई-नमकीन देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं. लेकिन चूरू में तैयार होने वाले स्पेशल पेठे की अपनी अलग पहचान है. वैसे तो यहां अलग-अलग तरह की कई मिठाइयां तैयार की जाती हैं, लेकिन चूरू के रसीले पेठे को देख कर किसी के भी मुंह में पानी आ जाए.
इस पेठे के बारे में स्थानीय लोग कहते हैं, कि इसकी एक विषेशता ये है, कि ये कई दिनों तक खराब नहीं होता, सूखा होने की वजह से इसके स्वाद में कोई बदलाव नहीं आता. अगर किसी को इसे दूर तक ले जाना है, तो असुविधा नहीं होती. यही वजह है, कि इस पेठे को लोग यहां से विदेश तक ले जाते हैं. इसके स्वाद में हफ्तों तक फर्क ना पड़ने की वजह से लोग इसे घरों में रखना भी पसंद करते हैं.
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इतना है रसीले पेठे का वजन
इस पेठे की खासियत यह भी है, कि इसके एक पीस का वजन 100-110 ग्राम तक हो सकता है. यानी, एक किलो में ये सिर्फ 8-10 पीस ही चढ़ पाते हैं. विदेश जाने वाले, वहां रहने वाले भारतीयों के लिए खास तौर पर रसीले पेठे लेकर जाते हैं. वहीं, रोजाना खाने के बाद मीठा खाने वालों की ये विशेष पसंद है.
ऐसे तैयार होता है पेठा और, ये हैं इसके दाम
बताया जाता है, कि राजस्थान के चूरू में तैयार होने वाला रसीला पेठा आसानी से नहीं बनता. इसे कुशल कारीगर ही तैयार कर पाते हैं. इसे बनाने के लिए सबसे पहले मैदे में घी का मोरन दिया जाता है, इसके बाद, आटे की तरह इसे तसल्ली से गूंथा जाता है. फिर इसे बेलकर काटा जाता है. इसके बाद धीमी आंच में पकाया जाता है. फिर इसे ठंडा करके शक्कर की चासनी में में मिलाया जाता है. ऐसे तैयार होता है चूरू का स्पेशल पेठा. चूरू का देशी घी का रसीला पेठा 300 रुपए प्रति किलो और वनस्पति घी का रसीला पेठा 150 रुपए प्रति किलो में बेचा जाता है.