Success story: आज एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहें है, जो एक माइक्रोसॉफ्ट में काम करता था, लेकिन माधव भारद्वाज ने अच्छी-खासी सैलरी वाली जॉब छोड़कर देश की सेवा करने का सोचा और यूपीएससी एग्जाम (Success story of Madhav Bhardwaj) की तैयारी में लग गया. तो आइए जानते है माधव भारद्वाज के जीवनशली और संघर्ष की कहानी-
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Success story of Madhav Bhardwaj: सफलता अंतिम नहीं है, असफलता घातक नहीं है, यह जारी रखने का साहस है जो मायने रखता है. आज एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहें है, जो एक माइक्रोसॉफ्ट में काम करता था, लेकिन माधव भारद्वाज ने अच्छी-खासी सैलरी वाली जॉब छोड़कर देश की सेवा करने का सोचा और यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गया. जहां पर कुछ भी निश्चित नहीं है. सेलेक्शन हो भी सकता है और नहीं भी. तो आइए जानते है माधव भारद्वाज के जीवनशली और संघर्ष की कहानी-
उत्तराखंड के मसूरी में रहने वाले माधव भारद्वाज बचपन से ही लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) के बारे में सुना और देखा भी करते थे. जहां उनके पिता काम किया करते थे. यही वजह था की वे एक ऐतिहासिक परिसर से वह बचपन से ही वाकिफ थे. वेसे तो माधव ने 12वीं के बाद एमएनएनआईटी, प्रयागराज में बीटेक कंप्यटर साइंस में दाखिला लिया.
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माधव ने एमएनएनआईटी से बीटेक की डिग्री हासिल की और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए करने के चले गय. जिसके बाद माधव का प्लेसमेंट एक दिग्गज मल्टीनेशनल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर उनकी जॉब लग गई. जॉब लग जाने के बाद माधव की लाईफ ठीक-ठाक ही चल रहा था की साल 2020 में कोरोना महामारी ने पुरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा था. जिसके बाद सभी लोग को वर्क फ्रॉम होम मिल गया था. ऐसा ही माधव के साथ ही हुआ.
माधव भी डेली फ्रॉम होम कर ही रहें थे की माधव के मन में आईएएस बनने का सपना आया. जिसके बाद सोच-विचार करने के बाद उन्होंने अपने करियर की राह बदलने का निश्चय किया. जबकि ये सब इतना आसान नहीं था. बताते हैं कि वह दिन में ऑफिस का काम करते और फिर रात में चार से पांच घंटे की पढ़ाई किया करते थे. जब छुटि्टयों होती तो वह 10-12 घंटे भी पढ़ लिया करते, और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जी-जान लगा कर तैयारी में लग गए. हालंकि पहले अटेम्प्ट में महज तीन अंक की कमी से फाइनल सेलेक्शन होते-होते रह गए.
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पहले ही अटेम्प्ट में इतने कम मार्जिन से मिली असफलता ने हताश करने की बजाए संकल्प को और मजबूत कर ली और फिर से तैयारी लग गए. लेकिन सप्ताह भर बाद ही प्रीलिम्स का दूसरे अटेम्प्ट था. अपना पूरा फोकस असफलता से हटाकर आने वाले एग्जाम की तैयारी में लग गए. फिर क्या था दूसरे अटेम्प्ट में प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू राउंड क्लीयर कर लिया (UPSC Result) और अपने सपने को पुरा लिया. आखिरकार माधव मेहनत रंग लाई और उन्होंने IAS बनने का अपना सपना पूरा किया. माधव ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 536 रैंक हासिल की.