Shani Jayanti 2023: शनि जयंती पर बजरंगबली और शनि देव की उपासना से बरसेगी कृपा, जानें पूजा विधि-शुभ मुहूर्त
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Shani Jayanti 2023: शनि जयंती पर बजरंगबली और शनि देव की उपासना से बरसेगी कृपा, जानें पूजा विधि-शुभ मुहूर्त

Shani Jayanti 2023: शनि जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. बताया जाता है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जैसे राज्यों में इसका विशेष महत्व है. थिरुनल्लार शनि मंदिर(Thirunallar Shani Temple), कोकिलावान धाम सानी देव मंदिर (Kokilawan Dham Sani Dev Temple), और शनि शिंगणापुर देश (Shani Shingnapur Desh) के सबसे प्रसिद्ध भगवान शनि देव मंदिरों में से कुछ हैं, जहां शनि देव की विशेष पूजा की जाती है.

 

Shani Jayanti 2023: शनि जयंती पर बजरंगबली और शनि देव की उपासना से बरसेगी कृपा, जानें पूजा विधि-शुभ मुहूर्त

Lucky Zodiac Signs: शनि जयंती (Shani Jayanti) हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है और यह पवित्र और शुभ दिन भगवान शनि (Bhagwan Shani) को समर्पित होता है. भगवान शनि को कर्म और न्याय के भगवान के रूप में भी जाना जाता है. शनि देव (Shani Dev) सनीपति के रूप में भी जाने जाते हैं, और शनि जयंती (Shani Jayanti) को शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के रूप में भी जाना जाता है.

इस वर्ष शनि जयंती (Shani Jayanti) 19 मई को मनाई जाएगी, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर. साथ ही, शनि जयंती (Shani Jayanti) 2023 पर, अमावस्या 18 मई को रात 9:42 बजे शुरू होगी और 19 मई को रात 9:22 बजे समाप्त होगी.

जानिए शनि जयंती का महत्व (Shani Jayanti 2023 Significnace)

शनि जयंती (Shani Jayanti) हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि इस दिन भगवान शनि (Bhagwan Shani) भगवान सूर्य (Bhagwan Surya) और माता स्वर्णा (Mata Swarna), जिन्हें छाया (Chaya Marta) भी कहा जाता है, के पुत्र के रूप में जन्मे थे. हिन्दू पुराणों के अनुसार, भगवान शनि (Bhagwan Shani) भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के आदेशपालक भक्त थे. इसके अलावा, भगवान शनि को कर्म के शासक माना जाता है, जिसमें वाणिज्य और सेवा जैसी चीजें शामिल होती हैं. भगवान शनि के आँखों में सीधे देखना अशुभ माना जाता है, इसलिए अनुयायों को इसे टालना चाहिए.

रावण ने भगवान शनि देव को अपहरण किया था, जिसे बाद में हनुमान जी (Hanumanji) ने उन्हें मुक्त कराया. उन्होंने भगवान हनुमान को वादा किया कि उनके भक्तों को शनि साढ़े साती, शनि महादशा (Shani Mahadasha) और ढय्या के समय सुरक्षित रखा जाएगा.

बता दें कि शनि जयंती (Shani Jayanti) को बड़े धूमधाम से मनाया जात है. यह दिन विशेष रूप से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जैसे राज्यों में मनाया जाता है. थिरुनल्लार शनि मंदिर(Thirunallar Shani Temple), कोकिलावान धाम सानी देव मंदिर (Kokilawan Dham Sani Dev Temple), और शनि शिंगणापुर देश (Shani Shingnapur Desh) के सबसे प्रसिद्ध भगवान शनि देव मंदिरों में से कुछ हैं. इसके अलावा, विशेष रूप से इस दिन शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) में बहुत से भक्त उपस्थित होते हैं, भगवान शनि देव को प्रार्थना करने के लिए.

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