जयपुर: कल से होगी सावन की शुरूआत, जानिए इस बार क्या है खास
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जयपुर: कल से होगी सावन की शुरूआत, जानिए इस बार क्या है खास

विषकुंभ और प्रीतियोग में भोलेनाथ की आराधना के खास माह सावन की शुरुआत होगी.  पवित्र सावन माह की शुरूआत में छोटीकाशी बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान रहेगी.

सावन 2022

Jaipur: पवित्र सावन माह की कल से शुरूआत हो रही है, ऐसे में छोटीकाशी बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान रहेगी. सावन के स्वागत के लिए प्रकृति ने भी हरियाली की चादर ओढ़ ली है. रिमझिम और तेज फुहारों ने सावन के पहले ही सावन के आगमन का संदेश दे दिया है, कल से सावन माह का आगाज होने जा रहा है. माना जाता है कि सावन में प्रकृति हरियाली से आच्छादित रहती है और यह माह शिव आराधना के लिए काफी शुभ माना गया है, पूरे महीने श्रद्धालु शिव आराधना करेंगे. शहर के शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और विशेष शृंगार किया जायेगा.

विषकुंभ और प्रीतियोग में शुरू होगा सावन

विषकुंभ और प्रीतियोग में भोलेनाथ की आराधना के खास माह सावन की शुरुआत होगी. विषकुंभ और प्रीतियोग में शुरू हो रहें सावन का विशेष महत्व है. सावन के आगमन के चलते शहर में उत्साह बढ़ गया है. शहर में भोलेनाथ के जयकारों के साथ बम-बम भोले, जय भोलेनाथ के जयघोष सुनाई देंगे. शहर के मंदिरों में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर अलग-अलग स्वरूपों में शृंगार किया जाएगा. इस दौरान कुंवारी कन्याएं श्रेष्ठ वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर भगवान शिव पार्वती की पूजा अर्चना करेगी. 

चार सोमवारी व्रत का होगा सावन

ज्योतिषविदों के मुताबिक 29 दिनों के श्रावण में इस बार चार सोमवारी व्रत होगा, प्रथम सोमवारी 18 जुलाई, दूसरी सोमवारी 25 जुलाई, तीसरी सोमवारी 01 अगस्त और चौथी सोमवारी 8 अगस्त को हैं. वहीं 12 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा रहेगी. हर सोमवार को तीन से ज्यादा योग पर्व की महत्ता को खास बनाएंगे. कोरोना के बाद भक्त बिना किसी नियम के भोलेनाथ का अभिषेक, पूजा अर्चना सहित अन्य अनुष्ठान कर सकेंगे. देवस्थान विभाग की ओर से श्रावण के हर सोमवार को राजस्थान के 44 बड़े और छोटे भोलेनाथ के मंदिरों में रुद्राभिषेक होगा. इस दौरान सुख समृद्धि और शांति की कामना के साथ ही बम-बम भोले की गूंज के बीच अच्छी बारिश की कामना की जाएगी. जयपुर में झारखंड महादेव, प्रतापेश्वर और आमेर के रामेश्वर मंदिर में अनुष्ठान होगा.

सावन में मनाएंगे शिव को

सावन के माह में भगवान शंकर की पूजा का विधान तो है ही, साथ ही माता पार्वती की पूजा का भी विधान है. भगवान शंकर की पूजा का व्रत कुंवारी कन्या मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए करती है. वही सुहागिन महिला परिवार में सुख-समृद्धि औरखुशहाली की कामना से करती है. मंदिरों में सुबह से भगवान के दर्शन और पूजन के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे.और सावन में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की दूध, जल, गन्ने के रस आदि से अभिषेक करके उन्हें मनाएंगे.

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