Rajasthan Politics : सरपंचों ने अपनी मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता से निराश होकर सभी जिलों में प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे.
Trending Photos
Rajasthan News : लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत सरपंचों का सब्र अब जवाब दे रहा है. आंदोलनरत सरपंचों ने सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले सभी जिलों में शुक्रवार को जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. सरपंचों ने प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया जाएगा, जिसमें 11 हजार से अधिक सरपंच शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है.
जानकारी के अनुसार इस मामले में सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल का कहना है, कि सरपंच संघ अपने अधिकारों के लिए मुसलसल लड़ाई लड़ रहा है. राजस्थान की पिछली सरकार में भी हमने आंदोलन किया था.
नई भजनलाल सरकार को बने हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन इस सरकार ने सरपंचों की ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया है. प्रदेश भर के सरपंच 8 जुलाई से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग का पैसा बकाया चल रहा है. इसके अलावा, 7000 करोड़ रुपये नरेगा के भी पंचायतों को नहीं मिले हैं.
बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरकार पंचायतों को वित्तीय सहायता नहीं दे रही है और बिना पैसे के गांवों का विकास कैसे संभव होगा. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार ने बजट में घोषणा की है कि नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, हम इस कदम का समर्थन करते हैं. लेकिन, कोरोना के कारण जिन पंचायतों के चुनाव आगे-पीछे हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए.
ऐसी पंचायतों में प्रशासकों को नियुक्त करने के बजाय, सरपंचों को ही उनके अधिकार दिए जाने चाहिए. बजट की कमी के कारण सरपंच जनता के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं. बंशीधर गढ़वाल ने सरकार से अपील की कि वह सरपंच संघ के साथ वार्ता करे और उनकी मांगों को पूरा करे.