Alwar News: सरिस्का का 'युवराज' ST 2402 पहुंचा जंगल में बने एंक्लोजर में, हुआ स्वागत
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Alwar News: सरिस्का का 'युवराज' ST 2402 पहुंचा जंगल में बने एंक्लोजर में, हुआ स्वागत

Alwar News: सरिस्का बाघ अभ्यारण का युवराज ST-2402 को ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का के करना का बास में बने एंक्लोजर में रेडियो कॉलर लगाकर भेजा गया. इसके स्वभाव और स्वास्थ्य को लेकर परीक्षण किया जाएगा. 

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Alwar News: सरिस्का बाघ अभ्यारण का युवराज ST-2402 को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का के करना का बास में बने एंक्लोजर में रेडियो कॉलर लगाकर उसकी गतिविधियों को देखने के लिए छोड़ दिया गया है. उसके स्वभाव और स्वास्थ्य को लेकर परीक्षण किया जाएगा और 20 दिनों के बाद उसे खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. जहां वह अपनी फिर से टेरिटरी बनाने के लिए विचरण करेगा. चार दिन से बनी दहशत से लोग अब राहत पा रहे हैं.

सरिस्का से निकला नर बाघ अलवर वन मंडल अधीन ग्राम करणपुरा रैणी क्षेत्र में पहुंचा. जिसका सफल रेस्क्यू कर रेडियो कॉलर लगाकर.आज सरिस्का में बने एंक्लोजर में छोड़ा गया. सरिस्का फॉरेस्ट रिजर्व के डीएफओ अभिमन्यु साहरण ने बताया सरिस्का टाइगर रिजर्व अकबरपुर रेंज से लापता नर बाघ ST-2402 जिसकी उम्र लगभग 2 वर्ष से अधिक है. जिसका विचरण क्षेत्र अकबरपुर रेंज हे. सरिस्का अधिन यह युवा बाघ पृथक से टेरिटरी बनाने के दौरान अकबरपुर रेंज के जंगल से निकलकर रिहायसी इलाकों में पलायन कर गया.

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इसमें 1 जनवरी 2025 को परियोजना सरिस्का से निकलकर उपवन संरक्षक दोसा अधिन रेंज बांदीकुई के महू खुर्द जिला दौसा में पहुंच गया और रिहायशी क्षेत्र में विचरण कर रहा था. जिसमें ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग को सूचना मिलने पर तत्कालीन मॉनिटरिंग कर टाइगर को ट्रेस किया गया. जिसमें 2 जनवरी 2025 अलवर वन मंडल अधिन करणपुरा रैणी जिला अलवर में पहुंच गया था. 

शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे ट्रेंकुलाइज किया गया. शुक्रवार की रात्रि 2 बजे रैणी गांव क्षेत्र में किसी के रसोई में बैठे रहने की सूचना मिली. चुकी देर रात से ही वन विभाग की टीम आसपास लगी हुई थी. जिस मकान की रसोई में यह बैठा था उसमें दरवाजा नहीं था. जिसमें मात्र उसकी पूंछ दिखाई दे रही थी. लेकिन जनता की अधिक भीड़ थी. वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को बार-बार समझाया गया था. एक लक्ष्य बनाकर सरिस्का और रणथंबोर की टीम द्वारा बाघ का सफल रेस्क्यू किया. रेस्क्यू टीम में वेटरनरी डॉक्टर डॉक्टर दीनदयाल मीणा और रणथंबोर के जसकरण की अहम भूमिका रही.

वन विभाग की टीम टाइगर ST-2402 को गांव से वाहन में लाकर राजगढ़ के माचाड़ी पहुंची, जहां टाइगर का मेडिकल करके उसके स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और बाद में बाघ के रेडियो कॉलर लगाया गया.

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इस मौके पर रणथंभौर से रेस्क्यू टीम भी बुलाई गई. वहीं सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु साहरण, डॉक्टर डीडी मीणा, सरिस्का ऐसीएफ हिमांशु मोहन और तीन रैंजो के रेंजर पुलिस मौके पर रहे .जिसमें अकबरपुर रेंजर राजेंद्र शर्मा ,अलवर बफर जॉन के शंकर सिंह शेखावत, टहला रेंज से कृष्ण मौजूद रहे.

जिसमें नर बाघ 2402 के पहले रेडियो कॉलर नहीं था. अब रेडियो कॉलर लगाकर अब उसे सरिस्का में बने करणा का बास एंक्लोजर में छोड़ दिया गया है. एंक्लोजर में 20 दिन से अधिक देखभाल के बाद में इसे स्वच्छंद विचरण करने के लिए सरिस्का के जंगल में छोड़ दिया जाएगा.

रेस्क्यू के दौरान अलवर ग्रामीण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ प्रियंका रघुवंशी, पुलिस उपाधीक्षक राजगढ़ मनीषा मीणा, थाना अधिकारी राजगढ़ रामजीलाल मीणा, थाना अधिकारी रैणी प्रेमलता वर्मा मौके पर मौजूद रहे. 

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