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जयपुर: नागौर-बाडमेर में 300 करोड के भ्रष्टाचार के आरोपो के बाद पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा घिर गए हैं. सरपंचों ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है.आरोपों के बाद सरपंच संघ ने पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.अब तो सरपंचों ने जयपुर में महापड़ाव डालने की भी तैयारी कर ली है.
सरपंचों ने बजाया कैबिनेट मंत्री के खिलाफ बिगुल
नागौर-बाडमेर में मनरेगा के 300 करोड के विकास कार्यों में कथित घोटाला का मामला सामने आया है. पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के दावों के बाद सरपंचों ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ नाराजगी जताई है. रमेश मीणा ने बाड़मेर और नागौर में 300 करोड के भ्रष्टाचार का दावा किया था, जिसके बाद में सरपंचों ने अपने ही विभाग के मंत्री के इस्तीफे की मांग की. इतना ही नहीं अब तो सरपंच संघ जयपुर में 5 अगस्त को विशाल धरना प्रदर्शन करेगा. सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर बढवाल का कहना है कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा,महापड़ाव जारी रहेगा, मंत्री का इस्तीफा सरपंचों की प्रमुख मांग.
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हालांकि, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा सफाई दे चुके हैं कि सरपंचों के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई. मैंने सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा. मैने एक बात कही थी अधिकारियों से जो अनियमित्ता हो रही है.धरातल पर काम नहीं है.किस योजना में कितना पैसा खर्च हो रहा है.वहां के लोगो से पूछा कुछ जगह अच्छे काम हो रहे,कुछ जगह काम नहीं हुआ.जहां घटिया काम हुआ वहां कार्रवाई की है,आगे भी करेंगे.
एमपी के मंत्री ने इस्तीफा दिया, राजस्थान के क्यों नहीं
लेकिन सरपंच संघ पंचायतों पर लगे इन दावों से खफा है. सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया का कहना है कि कि जब 300 करोड के कार्यों की जांच ही नहीं,तो आरोप कैसे लगाए. सभी सरपंच 1 अगस्त को जिला स्तर पर मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे. साथ ही 27 अगस्त को सभी पंचायत समितियों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सरपंच संघ के अध्यक्ष पलसानिया का कहना है कि जब मध्यप्रदेश के पंचायतीराज मंत्री ने इस्तीफा दे दिया तो राजस्थान के क्यो नहीं दे सकते. हालांकि, इस मामले की पूरी जांच विभागीय स्तर पर शुरू हो गए हैं.
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