भाजपा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर हमला बोला है. राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि गहलोत सरकार के साढ़े 4 साल के शासन में महिलाओं और बच्चियों पर अपराध के रिकॉर्ड मामले दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 से लेकर दिसंबर 2022 तक महिला अत्याचार के मामले 26000 राजस्थान में दर्ज हुए हैं.
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Jaipur News: प्रदेश में महिला अत्याचार और बच्चों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर भाजपा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर हमला बोला है. भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. महिलाओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं और महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अपराध रोकने में गहलोत सरकार पूरी तरह से विफल है. साथ ही दीप्ति ने कहा प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाएं पूरी तरह लागू नहीं हो रही है. महिलाओं ने तय किया कि सरकार को उखाड़ फेंकना है.
महिला मोर्चा का 48 घंटे प्रदेश प्रवास कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय पदाधिकारी प्रवास किए गए हैं. इसके तहत मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत जयपुर पहुंची. इस दौरान दीप्ति ने शहर की वंचित बस्तियों से लेकर महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और केंद्र की योजनाओं के साथ ही अपराधों के हालात की भी जानकारी ली.
रावत ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि गहलोत सरकार के साढ़े 4 साल के शासन में महिलाओं और बच्चियों पर अपराध के रिकॉर्ड मामले दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 से लेकर दिसंबर 2022 तक महिला अत्याचार के मामले 26000 राजस्थान में दर्ज हुए हैं. 2020 में बलात्कार के मामलों में 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और 2020 में ही 510 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं, छेड़छाड़ के 36 हजार से ज्यादा घटनाएं राजस्थान में हुई है. राजस्थान सरकार के संरक्षण में अपराधी फल फूल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान की आधी आबादी ने तय कर लिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकना है.
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रावत ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां पर महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं, महिलाएं बिना खौफ के नौकरी करती हैं. खुलेआम घूम सकते हैं उन्हें किसी बात का डर नहीं लगता है जहां जहां भी भाजपा की सरकार है वहां पर इसी तरह का माहौल है. उत्तर प्रदेश में जो माहौल पहले था वह अब नहीं है अब महिलाएं बेखौफ होकर कहीं भी आ जा सकती हैं.
रावत ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर स्थानीय नेताओं को लाभ पहुंचाने और केंद्र सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का आरोप भी लगाया. केंद्र की मोदी सरकार प्रत्येक योजना के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दे रही हैं, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण आमजन तक लाभ नहीं पहुंच रहा.
रावत ने गहलोत सरकार द्वारा लगाए जा रहे महंगाई राहत शिविरों को ढोंग प्रपंच बताया, उन्होने कहा कि एक मजदूर अपनी मजदूरी छोड़कर शिविर में जाता है और खाली हाथ लौट रहा है. ऐसे में आम मजदूर के हाथ से उनकी दिहाड़ी तक मारी जा रही है.
दीप्ति रावत ने कहा कि देश में रहने वाली प्रत्येक महिला और बच्चियों की फिक्र केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है जो महिलाएं पहले खुले में शौच जाती थी उनके लिए शौचालय बनवा कर दिए हैं जो महिलाएं लकड़ियां जलाकर अपनी आंख जलाते थी उनके लिए उज्ज्वला योजना चलाई है और आर्मी स्कूलों में बच्चियों के लिए एडमिशन शुरू किए गए हैं. कांग्रेस ने आज तक भी महिलाओं और बच्चों के हित के लिए कोई काम नहीं किए हैं.
दीप्ति रावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है कांग्रेस पार्टी में ऊपर से ही आदेश जारी होते हैं और नीचे तक वही आदेश चलते हैं जबकि भाजपा लोकतंत्र और सबको अपनी बात कहने की आजादी है.