रक्षाबंधन 2022 की सही तिथि और राखी बांधने का सही समय को लेकर आचार्य राहुल वशिष्ठ ने इस साल यानी 2022 के भाई-बहन के प्रेम का अटूट पर्व रक्षाबंधन को लेकर क्या कहना है. क्या भद्रा होने से रक्षा बंधन सम्पन्न नहीं होगा. रक्षा बंधन के शुभ मुर्हत जानें-
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Raksha Bandhan 2022 : भाई-बहन के प्रेम का अटूट का त्योहार रक्षाबंधन देशभर में 11 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें भाईयों की कलाई में राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस साल रक्षाबंधन की तिथि और समय को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है. साथ ही इस पर्व को लेकर काफी लोग कंफ्यूज है, तो वहीं दूसरी ओर भद्रा को लेकर लोगों के मन में शंकाएं उत्पन्न है. ऐसे में जानिए रक्षाबंधन की सही तिथि और राखी बांधने का सही समय को लेकर आचार्य राहुल वशिष्ठ ने इस साल यानी 2022 के भाई-बहन के प्रेम का अटूट पर्व रक्षाबंधन को लेकर क्या कहना है जानें-
क्या भद्रा होने से रक्षा बंधन सम्पन्न नहीं होगा, जानें
इस साल 2022 में श्रावण पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त, बृहस्पतिवार को है. अधिकांशत: लोगों से सुना जा रहा है कि उस दिन भद्रा होने से रक्षा बंधन सम्पन्न नहीं होगा, क्योंकि हिन्दू शास्त्र के अनुसार भद्रा को अशुभ मानते हैं.
भद्रावास स्वर्ग में है अर्थात शुभ फलदायी है
लेकिन इस वर्ष 11 अगस्त पूर्णिमा को चंद्रमा मकर राशि का होने के कारण भद्रावास स्वर्ग में है अर्थात शुभ फलदायी है और यह दिवस पूर्णतया रक्षा बंधन मनाने योग्य है. 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक ही है, इसीलिए रक्षा बंधन 11 अगस्त, वृहस्पतिवार को लगभग सुबह 9.30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि लगने के उपरान्त ही मनाया जाएगा. शास्त्रों के हिसाब से जब भद्रा का वास मृत्युलोक(पृथ्वीलोक) में होता है तभी केवल वह अशुभ माना जाता है. पाताल लोक अथवा स्वर्गलोक की भद्रा का वास शुभ फलदायी होता है.
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पूर्णिमा तिथि समाप्त - 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक
शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल - दिन में दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक
रक्षाबंधन 2022 पर भद्रा काल
राहुकाल-11 अगस्त दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक
रक्षा बंधन भद्रा अंत समय - रात 08 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 47 मिनट
इस समय बांध सकते है राखी
11 अगस्त को तिथि पुर्णिमा चतुर्दशी दो पुण्य तिथियों का मेल है. जिसमें कि चतुर्दशी 10 बजकर 27 मिनट तक है. उसके बाद पुर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी जिसमें कि रक्षा बंधन शुभ मुर्हत 11 बजे से 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस समय के बीच में रक्षा सूत्र बंधवाना और बांधना भाई बहन के लिए शुभ माना गया है.
(डिस्क्लेमर: राशिफल ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है. इसमें बताए गए तथ्यों की ज़ी राजस्थान पुष्टि नहीं करता है)
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