Rajendra Gudha’s Lal Diary: राजस्थान में सीएम गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार गहराता जा रहा है. इस पूरे धटनाक्रम पर बीजेपी के दिग्गज नेता वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से लेकर सतीश पूनिया ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा.
Trending Photos
Rajendra Gudha’s Lal Diary: राजस्थान में सीएम गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार गहराता जा रहा है. अपनी बर्खास्तगी के बाद विधायक गुढ़ा सोमवार को लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंच गये. विधानसभा सदन में गुढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से लाल डायरी को सदन की मेज पर रखने की मांग की. आज विधानसभा में बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने लाल डायरी लहराते हुए अपनी बर्खास्तगी को लेकर बोलना चाहते थे, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद विधानसभा में मारपीट की नौबत आ गई. गुढ़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसी विधायकों ने उन्हें घेरकर मारा है.
कई बार ख़रगोश सोया रह जाता है और कछुआ आगे निकल जाता है, इसलिए सब कार्यकर्ता भागीरथ बन कर दुष्टों की इस सरकार को भगाने में जुट जाओ।
पूरे देश में सबसे अधिक अगर कहीं भ्रष्टाचार है, तो वह राजस्थान में है। महिला अत्याचार, दलित उत्पीड़न, दुष्कर्म, गैंगवार, गैंगरेप, लूट व हत्या जैसी… pic.twitter.com/DGfoq0HH2O— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 24, 2023
विधानसभा में हुए इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट करते हुए दिया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विधानसभा में जो हुआ उसे लोकतांत्रिक क़तई नहीं कहा जा सकता. आगे लिखा कि क्या लोकतंत्र में जनता के चुने हुए विधायकों को भी बोलने का हक़ नहीं? लगता है डायरी लाल है पर इसमें सरकार के कारनामें काले हैं. वरना क्यों होती सरकार दो विधायकों पर इतनी ख़फ़ा?
इस पूरे घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मैंने अपने पूरे संसदीय जीवन मे ऐसा नजारा नहीं देखा. विधानसभा में हाथापाई की नौबत से लेकर विधानसभा के नियमों में अपनी बात कहने का अधिकार का हनन हुआ है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कोई व्यक्ति त्यागपत्र दे, या उसका त्यागपत्र लिया जाना चाहिए, उसे अपनी बात कहने का पूरा और मौलिक अधिकार है.
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र गुढ़ा अपनी बात ही कहना चाह रहे थे., लेकिन उन्हें अपनी रखने नहीं दिया गया. सरकार इस मामले से पीछे भाग रही है. लेकिन हम सरकार को भागने नहीं देंगे. राठौड़ ने कहा कि मैं राजेन्द्र गुढ़ा से अपील करना चाहूंगा कि वो लाल डायरी के सबूत जांच एजेंसियों को सौपें.
इधर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने भी लाल डायरी को लेकर हमलावर नजर आये. सतीश पूनिया ने कहा कि एक समय था जब राजेन्द्र गुढ़ा सीएम गहलोत के लाड़ले बने हुए थे. पूनिया ने कहा कि आज लाल डायरी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कई करीबी घबराए हुए थे. इसलिए राजेन्द्र गुढ़ा की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया. लाल डायरी से पूरा सदन हिल गया.
विधानसभा में हुए घटनाक्रम पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से सरकार को घेरते हुए लिखा- "राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि लाल डायरी में बहुत राज हैं, उसमें 500 करोड़ का हिसाब है और मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत का भी नाम है. इस लाल डायरी से कांग्रेस सरकार तक जा सकती है.
राजेंद्र गुढ़ा जी का कहना है कि लाल डायरी में बहुत राज हैं, उसमें 500 करोड़ का हिसाब है और मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत का भी नाम है।
आज विधानसभा में लाल डायरी लेकर गए गुढ़ा जी के साथ मारपीट कर उन्हें बलात बाहर कर दिया गया। साफ है कि डायरी में लिखे काले धन के राज और नाम सामने… pic.twitter.com/5tU2lXIMz7
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 24, 2023
इस पूरे घटनाक्रम पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भी ट्वीट कर हुए लिखा कि गहलोत की 'लाल डायरी' के कारण आज राजस्थान देशभर में शर्मसार हो रहा है. क्या है उस लाल डायरी में मुखिया जी? जनता जवाब चाहती है!