राजस्थान आन्ट्रप्रनर्शिप में बनेगा सिरमौर, 25 हजार करोड़ से ज्यादा के होंगे निवेश
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राजस्थान आन्ट्रप्रनर्शिप में बनेगा सिरमौर, 25 हजार करोड़ से ज्यादा के होंगे निवेश

राजस्थान नए निवेश के लिए तैयार है. 7 और 8 अक्टूबर को आयोजित हो रही इंवेस्टमेंट समिट को लेकर 11 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके है, वहीं मरूधरा के ड्रीम प्रोजेक्ट रिफाइनरी के आसपास विकसित हो रहे पेट्रो जोन की कवायद भी अब जोर पकड़ रही है.

राजस्थान आन्ट्रप्रनर्शिप में बनेगा सिरमौर, 25 हजार करोड़ से ज्यादा के होंगे निवेश

जयपुर: राजस्थान नए निवेश के लिए तैयार है. 7 और 8 अक्टूबर को आयोजित हो रही इंवेस्टमेंट समिट को लेकर 11 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके है, वहीं मरूधरा के ड्रीम प्रोजेक्ट रिफाइनरी के आसपास विकसित हो रहे पेट्रो जोन की कवायद भी अब जोर पकड़ रही है. अकेले 25 हजार करोड़ रुपए का नया निवेश इस क्षेत्र में आना है. प्रदेश सरकार इसके लिए राजस्थान पेट्रो जोन का मास्टर प्लान तैयार कर रही है.

प्रदेश में बजट घोषणा 2020-21 के तहत रिफाइनरी के साथ पचपदरा, बाड़मेर में राजस्थान पेट्रो जोन रीको के सहयोग से विकसित किया जाएगा. इस जोन में 25 हजार करोड़ से अधिक राशि के निवेश संभावित हैं. पेट्रो जोन में भारी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति भी होनी तय है.

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 पेट्रो जोन का मास्टर प्लान हो रहा तैयार

रीको जल्द ही राजस्थान पेट्रो जोन का मास्टर प्लान शीघ्र तैयार कर निवेश के नए क्षेत्र विकसित करेगा. साथ ही इस क्षेत्र के लिए पर्यावरणीय अनुमति के प्रयास भी तेज कर दिए है. गौरतलब है कि रिफाइनरी से निकलने वाले विभिन्न उत्पादों पर आधारित बड़े-बड़े उद्योग समूहों ने यहां निवेश में रुचि जताई है.

नए निवेश के लिए इंफ्रा डवलपमेंट के हो रहे प्रयास

1000 करोड़ की लागत से प्रथम चरण में 50 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में राजस्थान पेट्रो जोन का विकास किया जाएगा. प्रथम चरण में क्षेत्र स्थित बोरावास में 100 करोड़ की लागत के कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं. पानी की सुचारू व्यवस्था के लिए नाचना से पेट्रो जोन तक पाइप लाइन बिछाने के लिए रीको द्वारा पीएचईडी को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है.

निवेश के लिए देश और विदेशी कंपनियों ने रुचि दर्शाई है उन्हें रिप्स के अंतर्गत कस्टमाइज पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं. पेर्टो जाने को लेकर भारत सरकार को जून 2021 में आवेदन किया गया था और कैबिनेट सचिव के समक्ष जनवरी 2022 में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया था. इसके बनने के बाद राजस्थान के मरुस्थलीय इलाके में निवेश कर बयार बहनी तय मानी जा रही है.

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