Rajasthan: होली का आगाज हो चुका है, बाजार रंगों से गुलजार हैं तो वहीं राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. क्योंकि दो माह से वेतन नहीं मिला. सीएम अशोक गहलोत के निर्देश के बाद भी अभी तक वेतन नहीं मिला है. इसको लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है.
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Rajasthan: इस होली पर्व पर राजस्थान रोडवेज कर्मचारी काली होली मनाने को मजबूर हैं. पिछले 2 महीने का वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी तो निराश हैं,लेकिन घर पर भी मायूसी छाई है.रोडवेज कर्मचारी यूनियन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने पर वेतन नहीं मिलने की समस्या से अवगत कराया था.मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रोडवेज कर्मचारियों की समस्या दुरस्त करने के निर्देश भी दिए हैं. लेकिन कर्मचारियों के खाते में वेतन नहीं आने से इस होली को काली होली मनाने को मजबूर हो गए.
कर्मचारियों को वेतन नहीं
राजस्थान रोडवेज बसों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और बजट घोषणाओं को शहर से गांव और सडक सडक तक पहुंचा रहे हैं.लेकिन रोडवेज कर्मचारियों को मासिक वेतन नहीं मिलने से आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं. वहीं, कर्मचारियों की भीड में खड़े एक कर्मचारी ने कहा कि 2 महीने तक वेतन नहीं मिलने पर सरकार कर्मचारियों को चोरी करना सिखा रही है.
कर्मचारी अपना घर-परिवार को चलाने के लिए चोरी का रास्ता चुनने को मजबूर कर रही है. मुख्यमंत्री कहते है कि ओपीएस लागू होने से कर्मचारी चोरी या भ्रष्ट्राचार करने से बचता है.क्योंकि उसके बुढ़ापे का सहारा ओपीएस मिलने से भ्रष्ट्राचार करने से बचता है.अब जरूरत है तो रोडवेज कर्मचारियों को त्योहार पर्व पर रोडवेज कर्मचारियों को वेतन देकर राहत देने का काम करें.
कर्मचारी यूनियन पदाधिकारी का कहना है कि राज्य सरकार एक तरफ फ्री सेवाओं को लेकर रेवड़ियां बाट रही हैं.दूसरी ओर 13000 सेवारत और लगभग 8000 पेशनधारी रोडवेज कर्मचारियों का होली का त्योहार बिगड़ गया है. कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी 2 माह का वेतन और पेंशन नही मिलने होली का त्योहार तो बिगड़ रहा है. साथ ही परिवार का पालन पोषण करना भी भारी पड़ रहा है.
पिछले 1 साल से रोडवेज कर्मचारियों के वेतन और पेंशन 2 से 3 माह से लेट हो रही है. राज्य सरकार और निगम प्रबंधन इसके स्थाई समाधान करने में विफल साबित हुए है. सरकार और निगम प्रबंधन के पास रोडवेज कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के स्थाई समाधान हेतु कोई ठोस योजना नहीं है. रोडवेजव में लगभग 10 माह से सेवानिवृत कर्मचारियों के भुगतान बकाया है. विधान सभा चुनाव से पूर्व वर्तमान सरकार के नुमाइंदों द्वारा रोडवेज की सभी समस्याओं के समाधान हेतु की गई घोषणा झूठ साबित हुई है.
आज रोडवेज के पास मात्र 2200 बस बेड़ा ही बचा है. रोडवेज में 872 अनुबंधित बसे भी कंडम हो चुकी है. रोडवेज में करीब 10000 कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े है.ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा फ्री सेवाओं की घोषणा भी क्रियान्वयन होने में संशय है. बिना बस और बिना चालक और परिचलको के यात्रियों को दी जा रही विभिन्न श्रेणी में किराए छूट का भी लाभ जनता को नहीं मिल पाएगा. जिससे यात्रियों और जनता के साथ भी सरकार ने छलावा किया है.
कर्मचारी यूनियन पदाधिकारियों ने राज्य सरकार और निगम प्रबंधन से होली से पूर्व बकाया 2 माह का वेतन और पेंशन देने की मांग की. यदि इसके स्थाई समाधान नहीं होने पर 14 मार्च को सभी 52 डीपो में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा.साथ ही बजट की प्रतियां जलाई जा कर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रबंध निदेशक के नाम मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
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