पिछले करीब चालीस सालों में राज्य में पानी के अतिदोहन के चलते डार्क जोन ब्लॉकों का आंकड़ा कई गुना बढ़ गया है. भू वैज्ञानिक भाषा में सरल रूप से बात करें तो अतिदोहन से भूजल की स्टेज ऑफ डवलपमेंट दर बढ़ी है.
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Jaipur : राजस्थान में पाताल से पानी निकाला जा रहा है. करीब 500 फीट नीचे तक खुदाई करने पर पानी नहीं मिल रहा है. भूजल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा हालत दौसा जिले में खराब हैं. जहां हर साल 6 इंच और रोजाना डेढ़ इंच पानी का जल स्तर जमीन के नीचे से कम होता जा रहा है. तीन दशक पहले 203 ब्लॉक सुरक्षित ब्लॉक डार्क जोन में बदल गये हैं.
जयपुर संभाग के कुओं की रिपोर्ट में ये सामने आया है. अब जलस्तर 200 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. प्रदेश में औसतम 400 से 500 फीट की गहराई पर पानी मिल रहा है. भूजल स्तर में सबसे अधिक गिरावट दौसा जिले में हुई है, यहां माइनस 1.88 मीटर गिरावट हुई है. जबकि सबसे न्यूनतम गिरावट सीकर जिले में दर्ज की गई है. सीकर में भूजल स्तर में माइनस 0.19 मीटर की गिरावट दर्ज की गयी है.
पिछले तीन दशक में आई भूजल में गिरावट
वर्ष भूजल रिचार्ज भूजल दोहन स्टेज
1984 13790 एमसीएम 4927 एमसीएम 36 प्रतिशत
1990 10801 एमसीएम 5821 एमसीएम 56 प्रतिशत
1995 11028 एमसीएम 6494 एमसीएम 59 प्रतिशत
1998 12602 एमसीएम 8708 एमसीएम 69 प्रतिशत
2001 11159 एमसीएम 11635 एमसीएम 104 प्रतिशत
2004 10563 एमसीएम 12991 एमसीएम 125 प्रतिशत
2009 10563 एमसीएम 14570 एमसीएम 134 प्रतिशत
2011 10829 एमसीएम 14843 एमसीएम 137 प्रतिशत
2013 11257 एमसीएम 15706 एमसीएम 139 प्रतिशत
वर्ष 1981 की जनगणना के अनुपात में 2011 में राजस्थान की जनसंख्या करीब दो गुना हो गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1981 में राज्य की आबादी 3 करोड़ 42 लाख थी, जो कि 2011 में बढ़कर 6 करोड़ 86 लाख से अधिक हो चुकी है. लेकिन पिछले करीब चालीस सालों में राज्य में पानी के अतिदोहन के चलते डार्क जोन ब्लॉकों का आंकड़ा कई गुना बढ़ गया है. भू वैज्ञानिक भाषा में सरल रूप से बात करें तो अतिदोहन से भूजल की स्टेज ऑफ डवलपमेंट दर बढ़ी है.
क्या है स्टेज डवलपमेंट रेट
डवलपमेंट का नाम आते ही हम इसे सकारात्मक मानते हुए विकास समझते हैं. लेकिन भू-वैज्ञानिक भाषा में इस स्टेज डवलपमेंट रेट का अर्थ कुछ और है. स्टेज डवलपमेंट दर में बढ़ोतरी होने का मतलब निगेटिव होता है. यानि पानी के दोहन के अनुपात में अगर पानी का रिचार्ज नहीं होता है तो यह डवलपमेंट दर बढ़ती है जो कि अपने आप में चिंता का विषय है. ऐसे में भूजल स्तर लगातार गिरना वाकई चिंता का विषय है, ऐसे में आने वाले दिनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो पानी के लिए त्राहिमाम मचना तय हैं.
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