राजस्थान में अब महंगी हुई बीयर-शराब, सरकार ने बढ़ाई MRP
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राजस्थान में अब महंगी हुई बीयर-शराब, सरकार ने बढ़ाई MRP

Beer-liquor now costlier in Rajasthan: राजस्थान में राज्य सरकार ने शराब की कीमतों पर लगे अतिरिक्त आबकारी शुल्क को भले ही हटा दिया है लेकिन टैक्स हटाने से शराब की कीमतों में जो प्रति बोतल कमी हुई थी, उतनी कीमत अब वापस शराब की बोलतों पर इस साल से बढ़ा दी है..

राजस्थान में अब महंगी हुई बीयर-शराब, सरकार ने बढ़ाई  MRP

Beer-liquor now costlier in Rajasthan: शराब और बीयर पीने वालो के लिए है.अब जाम छलकाने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी.भले ही राजस्थान में राज्य सरकार ने शराब की कीमतों पर लगे अतिरिक्त आबकारी शुल्क को भले ही हटा दिया हो..लेकिन सरकार के इस निर्णय का फायदा लोगों को न मिलकर शराब कंपनियों को मिला .

5 से लेकर 60 रुपए हुई महंगी
टैक्स हटाने से शराब की कीमतों में जो प्रति बोतल कमी हुई थी, उतनी कीमत अब वापस शराब की बोलतों पर इस साल से बढ़ा दी है..इसके चलते शराब की बोतल 5 से लेकर 60 रुपए, बीयर 15 रुपए तक महंगी हो गई..

 MRP आबकारी विभाग तय करता है
दरअसल, राजस्थान में शराब पर MRP आबकारी विभाग तय करता है..इसके लिए बकायदा हर साल ब्रांड के अनुसार रेट लिस्ट जारी की जाती है.इस लिस्ट में निर्धारित एमआरपी से ज्यादा कीमत पर ठेको पर शराब नहीं बेची जाती है. इस बार आबकारी विभाग ने जो रेट लिस्ट जारी की है.उसमें शराब की एमआरपी में 10 रुपए से लेकर 60 रुपए तक का इजाफा किया है.ये कीमतें व्हिस्की, स्कॉच पर अलग-अलग बढ़ाई गई है..

बीयर बाजार में उथल पुथल
..सरकार ने एक्स डिस्टलरी प्राइज (ईडीपी) भी प्रति कार्टन 40 रुपए बढ़ा दिए है.जिसके कारण कंपनियों ने बीयर की कीमतों कों 10 से 15 रुपए तक बढ़ा दिया है..जो बीयर बाजार में मार्च में 140 रुपए में मिलती थी. वह अब 150 रुपए की हो गई.उधर नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के दस दिन बाद भी राजस्थान में इस बार भी शराब के सभी ठेके भी नहीं उठे।

1100 दुकानें अब तक किसी ने नहीं ली
 सरकार की ओर से इस साल भी पूरे राज्य में 7665 दुकानों को रिन्यूअल और ऑक्शन के लिए रखा था, लेकिन उनमें से 1100 दुकानें अब तक किसी ने नहीं ली.राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार इन दुकानों की गारंटी इतनी ज्यादा रख रखी है कि इन्हें कोई व्यापारी लेना नहीं चाहेगा..क्योंकि जितना शराब बेचने का यहां टारगेट सरकार देती है उतनी बिक्री इन पर दुकानों पर नहीं होती..ऐसे में अब विभाग के अधिकारी व्यापारियों पर दबाव बना रहे है कि इन दुकानों को नीलामी में खरीदें.

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