Rajasthan News: एक बार फिर जनता को महंगाई का 'करंट' लग सकता है. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बिजली के दामों में बढ़ोतरी के निर्देश दिए हैं.
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Rajasthan News: ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर (Hiralal Nagar) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. नागर ने वर्तमान में प्रदेश में बिजली के खराब हालात के लिए पूर्व अशोक गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया. नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन की वजह से आने वाले समय में फ्यूल सरचार्ज और बढ़ सकता है. उन्होंने प्रदेश में उत्पन्न हुए बिजली संकट को लेकर भी कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. इसके साथ नागर ने 2027 तक राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का दावा भी किया.
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रदेश बिजली कोयले के लिए परेशान होता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार सभी आवश्यक स्वीकृतियां होने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला ब्लॉक चालू नहीं करा पाई. पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि महंगे दामों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है.
नागर ने कहा कि फ्यूल चार्ज के लिए पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है. कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम रहा कि आज भी प्रदेश की जनता को बिजली कटौती और फ्यूल सर चार्ज के रूप में भुगतना पड़ रहा है. आने वाले समय मे भी फ्यूल सरचार्ज बढ़ता है तो उसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के उस समय लिए गए निर्णय होंगे. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिजली जैसे आम जनता से जुड़े मुद्दों पर गुमराह कर रहे है. प्रदेश की भजन लाल सरकार हर दिन जब कुछ अच्छा करने के लिए निर्णय ले रही है. उस की तारीफ करने की बजाए, खामियां निकाल रहे है. नागर ने कहा कि जब कुछ अच्छा हो रहा हो तो आम जनता के मुद्दे पर गुमराह नहीं करना चाहिए.
राजनीति कर रहे हैं
नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय घटिया कोयले के कारण राज्य के थर्मल बिजलीघर अपनी स्थापित क्षमता 7 हजार 580 मेगावाट के मात्र 50 प्रतिशत पर ही उत्पादन करते रहे. गुणवत्ताहीन कोयले में राख की मात्रा अधिक होने के कारण उत्पादन निगम की थर्मल यूनिटें बार-बार ठप होती रहीं. उन्हें बार-बार मेंटेंनेंस से गुजरना पड़ा. पर्याप्त कोयला नहीं मिलने के कारण निर्धारित क्षमता से कम पर चलाना पड़ा. वर्ष 2013 से 2018 के दौरान हमारी ही पार्टी की सरकार ने जिन बिजली कंपनियों के 62 हजार 400 करोड़ रूपए का ऋणभार उदय योजना में अपने ऊपर लेते हुए उन्हें ऋणभार से मुक्ति दिला दी थी और हमनें 2607 करोड़ के वित्तीय लाभ में उनको सुपुर्द किया था. उन्हीं कंपनियों पर, गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के कारण, कर्ज बढ़कर मात्र 5 साल में, 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रूपए हो गया और यह कंपनियां दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई.
राजस्थान में बढ़ सकते हैं बिजली के दाम
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर कर्ज 88 हजार 700 करोड़ रूपए पहुंच गया. समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण करोड़ों की पेनल्टी भी लगाई गई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में रबी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली उधार ले ली, उनकी इस गलती का खामियाजा हमारे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे समय में, जबकि एक-एक यूनिट हमारे उपभोक्ताओं को हम दे सकते थे, हमारी सरकार इस विषम परिस्थिति में भी इस कर्ज को स्वयं के राज्य की बिजली काट कर लौटा रही है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं को इस हीट वेव के दौरान और भी बेहतर बिजली आपूर्ति कर सकते थे यदि हमें बिजली लौटानी नहीं पड़ती. हम नहीं चाहते थे कि विद्युत कटौती हो जो असुविधा जनता को हुई उसकी मुझे भी पीड़ा है पर पूर्व सरकार के कुप्रबंधन से यह सब हुआ. जब तक प्रस्तावित नए प्लांट स्थापित नहीं हो जाते तब तक हम पूर्व में स्थापित प्लांट्स के प्लांट लोड फैक्टर को उच्चतम स्तर पर रखने की कोशिश करेंगे और डेफिसिट बिजली की शॉर्ट टर्म और मीडियम खरीद की व्यवस्था करेंगे और जरूरत पड़ने पर एक्सचेंज से भी खरीद कर पूर्ति करेंगे.
प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ करने की योजना -
हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान में बढ़ती बिजली की मांग की पूर्ति के लिए प्रसारण तंत्र का सुदृढ़ होना भी बेहद आवश्यक है. इसके लिए पावर ग्रिड और राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के बीच ज्वाइंट वेंचर कम्पनी की स्थापना की जायेगी जिससे प्रसारण तंत्र का विकास हो सकेगा, यह संयुक्त उद्यम कम्पनी (निर्माण, स्वामित्व, संचालन एवं रखरखाव) आधार पर ट्रांसमिशन सिस्टम का संचालन करेगी, इस पर 10,000 करोड़ का निवेश होगा. हमारी सरकार दूरदर्शी सोच के साथ राजस्थान को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है.क्योंकि हम एक साथ उत्पादन और प्रसारण का काम समानान्तर रूप से करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आरडीएसएस, कृषि कनेक्शन, स्मार्ट मीटर और कुसुम योजनाओं से तुरन्त लाभ देने की प्रक्रिया आरम्भ की है. इस कार्य में हमें केन्द्र सरकार का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है. भारत सरकार ने हाल ही में आरडीएसएस योजना में 7,896 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है. इससे फीडरों के सेग्रीगेशन के महत्वपूर्ण काम को गति मिलेगी. हमारी सरकार आने वाले समय में 1 लाख 45 हजार कृषि कनेक्शन देगी, साथ ही प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 112 नए ग्रिड सब स्टेशन बनाए जाएंगे.
रिपोर्टर-विष्णु शर्मा