मंच से फूंका जा रहा था सरकार रिपीट करने का मंत्र, इन दो विधायकों ने खोल दी पोल
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मंच से फूंका जा रहा था सरकार रिपीट करने का मंत्र, इन दो विधायकों ने खोल दी पोल

राजस्थान कांग्रेस का सरकार को बजट के लिए सुझाव देने के लिए बुलाया गया. अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी के साथ ही आज अधिवेशन में कई बयान भी सुर्खियों में रहे. इन बयानों में डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने अपना पुराना दुखड़ा मंच से ही कह डाला.

मंच से फूंका जा रहा था सरकार रिपीट करने का मंत्र, इन दो विधायकों ने खोल दी पोल

Rajasthan Congress : राजस्थान कांग्रेस का सरकार को बजट के लिए सुझाव देने के लिए बुलाया गया. अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी के साथ ही आज अधिवेशन में कई बयान भी सुर्खियों में रहे. इन बयानों में डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने अपना पुराना दुखड़ा मंच से ही कह डाला. घोघरा ने कहा कि उनसे जिस एसडीएम का विवाद हुआ, उसे भले ही पहले जोधपुर ट्रांसफर किया गया, लेकिन उस जनप्रतिनिधियों से मिसबिहेव करने वाले अधिकारी को वापस मेरे क्षेत्र में लगा दिया गया, तो फिर सरकार रिपीट कैसे होगी?

वहीं रामलाल मीणा ने कहा कि वे तो काम कर रहे हैं, लेकिन विरोधी सरकार की छवि पर बट्टा लगा रहे हैं . इस दौरान जैसलमेर के जिला अध्यक्ष उमेद सिंह ने भी गहलोत सरकार क ए पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आपको विधायकों के काम करते हुए 4 साल हो गए, अब तो कार्यकर्ताओं के काम करें, चुनावी साल में अपने कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हुई तो सरकार कैसे रिपीट होगी.

अधिवेशन में कांग्रेस सचिव गजेंद्र सिंह सांखला ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस और अपराध के गठजोड़ के आरोप लगाए और कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार इसलिए रिपीट हुई है क्योंकि वहां अपराधियों में भय है और महिलाओं ओर बच्चियों को सुरक्षा की भावना पैदा हुई है. इस दौरान बैठक में कोटा के नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि मेरे क्षेत्र में एसडीएम आर एस एस का व्यक्ति लगा हुआ है भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को उसे हटाने के लिए कहा था लेकिन आज 20 दिन बाद भी वह एसडीएम वहीं लगा है और मुझे मैसेज करवा रहा है कि शिकायत कर मेरा क्या बिगाड़ लिया.

उधर कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ता को कहा कि अभी लड़ाई ऊपर भाजपा से विचारधारा की लड़नी है सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई की जो बातें चलती है उन्हें लेकर अब पार्टी कार्यकर्ताओं को जवाब देना होगा. अधिवेशन में सभी नेताओं ने अपनी बात रखी लेकिन मंच पर मौजूद नेता प्रतिपक्ष और पूर्व अध्यक्षों ने अपनी बात समय की कमी के चलते नहीं रखी. सचिन पायलट ने भी अपनी बात नहीं रखी. हालांकि कार्यक्रम के अंत में गोविंद डोटासरा ने कहा कि समय की कमी के चलते पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी बात नहीं रखी इसके लिए उनका धन्यवाद. तो वही अधिवेशन में शामिल होने पहुंचे प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कांग्रेस नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया और कहा कि भले ही मुख्यमंत्री हो मैं हूं या कोई अन्य पद पर बैठा नेता किसी का भी पद स्थाई नहीं है, और किनारे पर बैठे कार्यकर्ता को भी कांग्रेस में मौका मिलता है.

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