Jaipur: सर्दियों की आहट के साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सभी वन्यजीवों की दिनचर्या और डाइट में बदलाव कर दिया गया. जानें..
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Jaipur: सर्दियों की आहट के साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सभी वन्यजीवों की दिनचर्या और डाइट में बदलाव कर दिया गया. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों को सर्दियों का शिड्यूल लागू कर दिया है. वन विभाग ने तापमान में गिरावत के साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पुख्ता बचाव संसाधन लगाए. नाहरगढ़ पार्क रेंजर नितिन शर्मा ने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन, टाईगर, लेपर्ड, जैसे बड़े वन्यजीवों के लिए एनक्लोजर में हीटर आदि लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
सर्दी से बचाने के लिए वन्यजीवों के पिंजरों में पराल बूसा बिछाने के साथ-साथ बोरिया, टाट भी लगाई जाएगी. इसी के साथ वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है. डाइट में 2 बॉइल अण्डे शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे देने के साथ-साथ पिण्ड खजूर दिए जा रहे हैं. शाकाहारी वन्यजीवों को गाजर देने के साथ-साथ दाने की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. इसी के साथ वर्डस की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए एण्टी स्ट्रेस इम्यूनोमॉजीयूलेटर मेडीसिन दी जाएगी. वहीं रेपटाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की जाएगी, क्योंकि सर्दियों में इन जीवों का मेटाबॉलिज्म पचाने की क्षमता कम हो जाती है.
साथ ही नाहरगढ़ पार्क रेंजर नितिन शर्मा ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवो की सर्दियों की डाइट शुरू कर दी गई है और अगर भालू की बात करें तो भालू को शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है. भालू को पिंड खजूर भी दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड दिया जा रहा है. रोटी के साथ गर्म दूध दिया जा रहा है और दो अंडे बॉईल करके दिए जा रहे हैं. लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे और हर शुक्रवार को 2 किलो मुर्गा एक्स्ट्रा दिया जा रहा है.
बता दें कि शाकाहारी वन्यजीव की 100 ग्राम दाल बढ़ा दी गई है. इसके अलावा दो किलो गाजर भी बढ़ाई गई है. सभी जानवरों के पिंजरे में पराल डालना शुरू कर दिया है, जिससे उन्हें थोड़ी गर्माहट महसूस हो. बड़े जानवरों के पिंजरो में हीटर लगा दिए गए हैं, ताकि उनको सर्दी से बचत हो सके. साथ ही सभी वन्यजीवों के पिंजरो के बाहर और अंदर दोनों साइड परदे लगा दिए गए हैं, जिससे डायरेक्ट हवा का प्रवेश ना हो, जिससे वन्यजीवों की अच्छी ब्रीड हो सके और ब्रीड के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रह सके.
Reporter: Damodar Raigar
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