Jaipur News: राजस्थान में भाजपा ने विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव की फाइनल तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव से पहले आखिरी दौर में भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल टीम के साथ खुद फील्ड में उतर गए हैं.
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Jaipur News: राजस्थान में भाजपा ने विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव की फाइनल तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव से पहले आखिरी दौर में भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल टीम के साथ खुद फील्ड में उतर गए हैं. प्रदेश प्रभारी तीन सीटों पर रायशुमारी कर नब्ज टटोल चुके हैं, शेष तीन सीटों पर 27 अगस्त के बाद सियासी मिजाज परखेंगे. प्रदेश प्रभारी सहित अन्य नेता सभी छह सीट जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन भाजपा के लिए यह इतना आसान नहीं होगा? आइए देखते हैं कि भाजपा का उपचुनाव के लिए रणनीतिक प्लान क्या है ?
राजस्थान की 6 सीटों पर होंगे उपचुनाव
राजस्थान में पांच विधायकों के लोकसभा की डगर चुनने के बाद विधानसभा की सीटें खाली हुई. इसके बाद हाल ही सलूम्बर विधायक की मृत्यु के बाद एक और सीट खाली हो गई. ऐसे में राजस्थान में छह विधानसभा सीटों झुंझुनूं, देवली उनियारा, दौसा, खींवसर, चौरासी और सलूम्बर पर उपचुनाव की बारी है. चुनाव की तारीखों का एलान भले ही नहीं हुआ है, लेकिन जल्द घोषणा होने वाली है.
BJP ने शुरू की अपनी फाइनल तैयारी
ऐसे में बीजेपी ने अपनी फाइनल तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा ने हाल ही में मदन राठौड़ के रुप में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके तुरंत बाद सांसद राधा मोहन अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है. नए अध्यक्ष और नए प्रदेश प्रभारी ने नए सिरे से उपचुनाव के लिए आखिरी मशक्कत शुरू कर दी है. सलूम्बर से पहले पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी कवायद कर चुके हैं.
सीएम भजनलाल ने झुन्झूनूं दौरा कर सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों के खाते में डीबीटी की थी, जिसका असली मकसद उपचुनाव ही था. इसके अलावा प्रदेश कार्यालय पर सभी पांचों सीटों को लेकर रायशुमारी की गई थी. पांचों सीटों पर चुनावी रणनीति के तहत दो दिन तक लगातार अलग अलग रायशुमारी की गई. उपचुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशी के नामों के साथ ही ग्राउंड लेवल पर उसकी स्थिति और उसकी पैठ सहित पार्टी तथा सरकार की योजनाओं को लेकर जनता की राय के बारे में पूछताछ की गई.
इसके साथ ही उपचुनाव में सीट जीतने की संभावनाओं पर भी सुझाव लिए गए. हालत यह थी कि करीब सात घंटे से ज्यादा समय तक पांचों सीटों को लेकर चर्चा की गई. हालांकि, बड़ी मशक्कत के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला. इधर नए प्रदेश अध्यक्ष और नए प्रदेश प्रभारी ने फिर से विधानसभा उपचुनाव वाली सीटों पर फील्ड में उतरकर चुनावी तैयारियां शुरू की है.
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प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और टीम के साथ उपचुनाव वाली एक एक सीट पर पहुंच रहे हैं. राधा मोहन अग्रवाल तीन दिन में दौसा, देवली-उनियारा और झुंझुनूं का सियासी पारा नाप चुके हैं. अब शेष तीन सीटों सलूम्बर, चौरासी और खींवसर सीट पर 27 अगस्त के बाद राजनीति की नब्ज टटोलेंगे. इस दौरान प्रदेश प्रभारी टिकट दावेदारों के साथ ही स्थानीय नेताओं, समाज प्रमुखों और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर सियासी मिजाज नापने की कोशिश की. इस कवायद में प्रदेश प्रभारी राधामोहन अग्रवाल सीटों के जीत को लेकर संतुष्ट होने के बाद ही रिपोर्ट तैयार कर अलाकमान को भेजेंगे.
बीजेपी के लिए सलूम्बर सीट जीतना आसान है, लेकिन पांच अन्य सीटों पर जीत किसी अग्निपरीक्षा से गुजरने के बराबर है. इन सीटों के सियासी समीकरण के तोड़ में बीजेपी छह महीने में भजनलाल सरकार की ओर से कराए गए काम को लेकर जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि भजनलाल सरकार की अब तक उपलब्धियां और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाएं उसकी चुनावी नैया पार लगा देगी,, बहरहाल देखना होगा कि जनता केंद्र और राजस्थान सरकार की योजनाओं उपलब्धियां से कितना खुश हैं, यह उपचुनावों में दिखेगा.
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