राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राजभवन में बने संविधान पार्क का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने राजभवन में बनाए गए मयूर स्तम्भ, फ्लैग पोस्ट और महात्मा गांधी की प्रतिमा, महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अवलोकन किया.
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जयपुर: अब तक हमने संविधान को किताबों में तो बहुत पढा था, लेकिन देश में पहली बार भारत के संविधान को कलाकृतियों, मूर्तियों और शब्दों के माध्यम से पत्थरों पर उकेरा गया. राजभवन में बने देश के पहले और खबूसूरत संविधान पार्क का उद्घाटन देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया. राष्ट्रपति बनने के बाद मुर्मू का राजस्थान में पहला दौरा है. इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. अब कुछ ही दिन में संविधान पार्क को आम जनता को समर्पित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि राजभवन के द्वार आम जनता के लिए मकर संक्राति के बाद खुल सकेंगे.
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि पृथ्वीराज चौहान,राणा सांगा, महाराणा प्रताप,मेजर शैतान सिंह और कारगिल युद्ध के दौरान शहीद जवानों ने यहां की वीरताएं और बलिदान की गाथाएं लिखी है. पन्नाधाय और भामाशाह की मिसाल पहले भी दी जाती रही है और आगे भी दी जाती रहेगी. कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने बीकानेर में 1000 मेगावाट सोलर परियोजना और 8.9 गीगावाट सोलर पावर परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कार्यक्रम के बाद कथौडी और सहरिया आदिवासी समूह के साथ संवाद भी किया.
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प्रदेश के राजभवन में संविधान पार्क की सबसे खास बात
-राजस्थान देश का पहला राजभवन,जहां संविधान पार्क बना
-पार्क में संविधान के गठन में योगदान देने वाली विभूतियों की प्रतिमाएं
-उनके योगदान,संविधान की संरचना,वास्तविक मूल्यों को शिलालेखों पर उकेरा
-संविधान की जानकारी का विभिन्न खंडों में विभाजन,वॉक-वे के पास स्थापित कर श्रव्य-दृश्य माध्यम से आकर्षक बनाया गया
-महात्मा गांधी की 10 गुणा 12 फीट की चरखा चलाते गन मेटल की मूर्ति
-महाराणा प्रताप की घोड़े चेतक के साथ सफेद मार्बल की प्रतिमा स्थापित की
1 साल से कम समय में पार्क बनकर तैयार
इस मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान पार्क का शिलान्यास 26 जनवरी 2022 को किया गया. जयपुर स्मार्ट सिटी के तहत जेडीए ने इसका निर्माण 1 वर्ष से भी कम अवधि में किया.इसके लिए मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि जब में राजस्थान में राज्यपाल बना तो मैने विश्व विद्यालय में संविधान पार्क की परिकल्पना रखी. युवाओं और विद्यार्थियों को संविधान के प्रति भावना उत्पन्न हो, इसलिए मैं किसी भी कार्यक्रम में भाग लेता हूं. वहां पर संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य का वाचन करवाता हू. विधानसभा में भी मैंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्य के वाचन की परंपरा डाली है. मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी यह परम्परा जारी रहेगी.
सीएम गहलोत ने राष्ट्रपति मुर्मू की प्रशंसा की
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि आप देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति है और संयोग से जो पहली राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थीं. वो इसी राजभवन में राज्यपाल रह कर गई थीं. संविधान ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री और दो महिला राष्ट्रपति दी है. राजभवन में यह संविधान पार्क हमारे राज्यपाल कलराज मिश्र की सोच है. राज्यपाल जिस भी कार्यक्रम में जाते हैं. संविधान की प्रस्तावना का पठन करवाते हैं. उनकी भावना है कि संविधान की मूल भावना आमजन तक पहुंचे. देश में संभवत यह पहला राजभवन है. जहां यह संविधान पार्क बना है और आमजन के लिए खुलेगा. तो एक अच्छा मैसेज जाएगा. मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति महोदया ने इसका अवलोकन किया है तो वह इसे अवश्य प्रभावित हुई होंगी. अब इस पार्क का इतंजार है आम जनता को है.