Pitra Paksha 2022: आज से पितृ पक्ष शुरू, आपके पितर दे सकते हैं दर्शन, भूल कर भी ना करें ये गलती
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Pitra Paksha 2022: आज से पितृ पक्ष शुरू, आपके पितर दे सकते हैं दर्शन, भूल कर भी ना करें ये गलती

Pitru Paksha 2022: आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है जो 25 सितंबर तक चलेगें. इस दौरान पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और धर्म-कर्म किया जाता है. मान्यता है पितृ पक्ष में  15 दिन के लिए पितर धरती पर अपने वंशजों के बीच रहते हैं और पिंडदान, तर्पण करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है. पितर खुश हो जाएं तो परिवार को आशीर्वाद देते हैं.

Pitra Paksha 2022: आज से पितृ पक्ष शुरू, आपके पितर दे सकते हैं दर्शन, भूल कर भी ना करें ये गलती

Pitru Paksha 2022 : शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पिंडदान पितरों तक सीधा पहुंच जाता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है और वंशजों पर कृपा बनी रहती है. इस दौरान पितर कई रूपों में घर पर दर्शन देते हैं. पितृ पक्ष में मनुष्य से लेकर पक्षी तक के रूप में पितर घर पर आ सकते हैं. ऐसे में गलती से भी उनका अपमान ना करें. ऐसा करने से उनकी आत्मा दुखी होगी और वे नाराज होकर वापस लौट जाएंगे. 

गरीब
श्राद्ध के दिनों में गरीबों को खाना खिलाया जाता है. पितृ पक्ष के दौरान अगर आपके दरवाजे कोई भी गरीब आता है, तो उसे कभी भी भूखा या खाली पेट न लौटाएं. कहते हैं कि पितर आपके पास किसी भी रूप में आ सकते हैं. ऐसे में घर के बाहर आए गरीब को अच्छे से भोजन कराएं. साथ ही, कुछ दान-दक्षिणा जरूर दें. 

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कुत्ता-गाय-बिल्ली
 
शास्त्रों में कुत्ते को यम का दूत भी माना गया है. पितृपक्ष के दौरान पंचबली भोग के दौरान गाय और कुत्ते के भोग भी निकाला जाता है. ऐसे में इन दिनों में कुत्ते का घर आना अच्छा माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर कुत्ता कभी रास्ते में दिख जाए, तो इसे कभी भी मारकर नहीं भगाना चाहिए. कुत्ते को कुछ खाने के देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि गाय की सेवा आदि करने से भी पितर प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही, बिल्लियों को भी दूध आदि पिलाना चाहिए. 

कौए
 ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में कौए को भी भोजन कराया जाता है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. बिना कौए को भोजन कराए पितरों को संतुष्ट नहीं किया जा सकता. शास्त्रों के अनुसार कौए को पितरों का रूप माना जाता है. कौए को पितृ पक्ष में दिया गया भोजन हमेशा पितरा को खुश करता है. 

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