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मुगल बादशाह की बेगम मुमताज को 3 बार क्यों दफनाया गया?

बेगम मुमताज मुगल बादशाह शाहजहां की खास बेगम थीं. मुमताज ने जब अपने 14वें बच्चे का जन्म दिया था. इस दौरान उनकी मौत हो गई थी. शाहजहां ने बेगम मुमताज को वादा दिया कि वह उनके मरने के बाद भी किसी दूसरी महिला से बच्चा पैदा नहीं करेगा. 

 

अनोखी कहानी

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अनोखी कहानी

यूपी के आगरा के ताजमहल के गुबंद के नीचे बेगम मुमताज का शव दफन है, जिसकी अपनी एक अनोखी कहानी है. जानें इसके कुछ राज. 

17 जून साल 1631 को मौत

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17 जून साल 1631 को मौत

इस कहानी की सबसे अनोखी बात यह है कि ममुताज को तीन बार अलग-अलग जगह पर दफनाया गया था. अपने 14वें बच्चे के जन्म के दौरान मुमताज ने 30 घंटे तक प्रसव का दर्द झेल, जिसके बाद उनकी 17 जून साल 1631 को मौत हो गई.

पहली बार

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पहली बार

सबसे पहले मुमताज को मौत के बाद मध्यप्रदेश के बुरहानपुर की पापी नदी के पास एक बगीचे में दफनाया गया था. 

दूसरी बार

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दूसरी बार

जानकारी के  मुताबिक, मुमताज को शव को बुरहानपुर के बगीचे से निकालकर आगरा लाया गया. दूसरी बार में मुमताज के शव को 8 जनवरी, साल 1632 में यमुना के किनारे दफनाया गया, लेकिन इसके बाद फिर शाहजहां काफी बेचैना था. 

तीसरी बार

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तीसरी बार

वहीं, तीसरी बाक में मुमताज महल के लिए एक कब्र बनाई गई, जिसके बाद उनके शव को ताजमहल में दफनाया गया.